Uttar Pradesh

पत्नी के अस्मिता की रक्षा करना पति का धर्म : सतानंद महाराज

सतानंद महाराज

–तुच्छ वोट के लिए अखिलेश यादव अपनी पत्नी के अपमान का जवाब नहीं दे पा रहे हैं

प्रयागराज, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । कर्तव्य पथ परिवार द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के विश्राम दिवस पर मुंशी राम प्रसाद की बगिया में शिव महापुराण कथा का व्याख्यान करते हुए आचार्य सतानंद महाराज ने शिव पार्वती विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शिव अपने बारात में नंदी बैल पर सवार होकर जाते हैं। इसके पूर्व वृषभ की पूजा किया, क्योंकि बैल धर्म का प्रतीक है और संकेत देते हैं। वैवाहिक जीवन में वर वधू को पाणिग्रहण धर्म संस्कार से जोड़ते हैं।

उन्होंने कहा कि विवाह फंक्शन नहीं, विवाह पाणिग्रहण संस्कार है। जो वर वधू को धर्म पूर्वक दाम्पत्य जीवन से जोड़ते हैं। वर को पति और वधू को पत्नी का धर्म बताते हैं। एक दूसरे के साथ सुख और दुःख निभाने का वचन दिलाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पत्नी के अस्मिता की रक्षा करना पति का धर्म है। लेकिन आज क्या समाज में पति पत्नी अपना धर्म निभा पा रहे हैं ? नहीं। क्योंकि विवाह को हम विवाह फंक्शन बना दिए हैं। इसलिए वैवाहिक जीवन में कलह है, संबंध विच्छेद हो रहे हैं। क्योंकि पति और पत्नी अपने वैवाहिक धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एक मौलाना पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी करता है और अखिलेश यादव तुच्छ वोट बैंक के लिए अपनी पत्नी के अपमान का जवाब भी नहीं दे पा रहे हैं।

कथा के यजमान शैलेन्द्र केसरवानी रहे। कथा की महाआरती में राजेंद्र केसरवानी नीवीं थरिया, कुमार नारायण, सपना सिंह आर्या, राजेश केसरवानी, पार्षद नीरज गुप्ता, राम बाबू केसरवानी, जयश्री केसरवानी, साधना चतुर्वेदी, उर्मिला केसरवानी, उषा केसरवानी, आशा केसरवानी, विमला जायसवाल आदि सैकड़ों महिलाएं और कर्तव्य पथ परिवार के सदस्यगण उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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