
भोपाल, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान, भोपाल में सोमवार को तीन दिवसीय “आनंदम सहयोगी प्रशिक्षण कार्यशाला” संपन्न हुई। कार्यशाला में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के विभिन्न जिलों से आए 52 अधिकारियों और कर्मचारियों ने सहभागिता की। कार्यशाला का आयोजन राज्य आनंद संस्थान आनंद विभाग द्वारा किया गया।
कार्यशाला में संस्थान के निदेशक सत्यप्रकाश आर्य ने कहा कि मानव का मूल स्वभाव आनंदित रहना है। जब व्यक्ति आत्मचिंतन करता है, संबंधों की गहराई को समझता है और आंतरिक शांति की ओर बढ़ता है, तभी सच्चे आनंद की अनुभूति होती है।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने आत्म-निरीक्षण, जीवन मूल्य, कृतज्ञता, क्षमा, संबंध सुधार तथा सेवा भावना जैसे विषयों पर केंद्रित सत्रों में भाग लिया। कार्यशाला के संचालन में राज्य आनंद संस्थान के मास्टर ट्रेनर अनिल कांबले, मनीष परमार, यमुना विश्वकर्मा, मनीषा कांबले, मीनू पांडे, प्रदीप महतो, मुकेश आर्य तथा अजीत महतो प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण जीवन में नई दृष्टि एवं संतुलन लेकर आया
कार्यशाला के समापन सत्र में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रशिक्षण से जीवन में नई दृष्टि एवं संतुलन आएगा। यह कार्यशाला न केवल कर्मचारियों के मानसिक एवं भावनात्मक सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक प्रयास है, बल्कि शासन स्तर पर सकारात्मक मनोवृत्ति को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई। प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण में स्वयं की त्रुटियों पर ध्यान केंद्रित करने रिश्तों में सुधार लाने, प्रशिक्षण के अनुभवों का निजी जीवन में उपयोग करने और नित्य आत्म-निरीक्षण की आदत विकसित करने के साथ ही संस्थान से भविष्य में भी जुड़ाव बनाए रखना चाहूंगा।
(Udaipur Kiran) तोमर
