







– पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश और गरुड़ रथ पर शिव तांडव रूप में विराजित होकर किया नगर भ्रमण
भोपाल, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में सोमवार शाम को श्रावण मास की तीसरी सवारी धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान भगवान महाकाल ने तीन स्वरूपों में अपने भक्तों को दर्शन दिए। अवंतिकानाथ श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में, श्री मनमहेश के रुप में हाथी पर और श्री शिव तांडव रूप में गरुड़ रथ पर विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले और अपनी प्रजा का हाल जाना। सवारी के दौरान चार जनजातीय समूहों के कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं।
भगवान महाकाल की सवारी निकलने के पूर्व मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन अर्चन शासकीय पुजारी पं घनश्याम शर्मा के द्वारा संपन्न कराया गया। इस अवसर पर प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत सपत्निक, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री लखन पटेल ने भी भगवान महाकाल का पूजन अर्चन किया। इस दौरान विधायक अनिल जैन कालूहेडा व नरेंद्र सिंह कुशवाह, महापौर मुकेश टटवाल, संजय अग्रवाल, संभागायुक्त संजय गुप्ता, कलेक्टर रौशन कुमार सिहं और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पूजन के पश्चात भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित श्री चंद्रमौलेश्वर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तत्पश्चात सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्शी बाजार और कहारवाडी से होती हुई शाम करीब छह बजे रामघाट पहुँची। रामघाट पर क्षिप्रा नदी के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक और पूजन अर्चन किया गया। इस दौरान खाद्य मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने सपत्निक भगवान महाकाल का पूजन अर्चन किया। पूजन पुजारी आशिष गुरु ने संपन्न कराया। मंत्री राजपूत ने इस दौरान कहा कि भगवान श्री महाकालेश्वर की कृपा पूरे प्रदेशवासियों और देशवासियों पर बनी रहें ,यही कामना है।
रामघाट पर पूजन अर्चन के पश्चात भगवान महाकाल की सवारी रामानुजकोट, मोड की धरमशाला, कार्तिक चौक, खाति का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड़, टंकी चौराहा, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची,। जहां परंपरा अनुसार गोपाल मंदिर के पुजारी के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया गया। इसके पश्चात सवारी गोपाल मंदिर से पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची, जहां पुन: आरती उपरान्त सवारी की विश्राम हुआ।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरुप भगवान महाकाल की सवारी को भव्य रुप देने के लिए थीम के अनुसार चार जनजातीय लोकनृत्यों की आकर्षक प्रस्तुती दी गई। इसमें प्रतापसिंह डिण्डोरी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश का करमा सैला जनजातीय नृत्य, पुष्पलता एवं साथियों द्वारा कर्नाटक का ढोलू कूनीथा जनजातीय नृत्य, सचिन चौधरी, जबलपुर मध्य प्रदेश द्वारा अहिराई लोकनृत्य एवं संजय महाजन द्वारा गणगौर लोकनृत्य की प्रस्तुतियॉ दी गई। मंत्री राजपूत ने रामघाट पर जनजातीय लोकनृत्य में सहभागिता की और झांझ मंजीरे बजाए। पशुपालन मंश्री लखन पटेल ने सवारी में डमरु बजाया। रामघाट पर पुलिस बैंड, बीएसएफ बैंड और खाचरोद के सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विघालय खाचरोद के 33 बच्चों के दल के द्वारा भी आकर्षक प्रस्तुती दी गई।
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(Udaipur Kiran) तोमर
