
लखनऊ,28 जुलाई (Udaipur Kiran) । लखनऊ स्थित संजय गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान के हेड एंड नेक सर्जरी विभाग द्वारा विभागाध्यक्ष डॉ. (प्रोफेसर) अमित केसरी के नेतृत्व में सोमवार को जागरूकता कार्यक्रम और सीएमई का आयोजन किया गया। अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. अमित केसरी ने बताया कि दुनिया भर में सिर और गर्दन के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
पान-मसाला, गुटखा, तंबाकू आदि का सेवन इस बीमारी के प्रमुख कारणों में से एक है।
कार्यक्रम के शुभारम्भ के मौके पर संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफ़ेसर आर के धीमन ने ज़ोर देकर कहा कि हमारे देश में सिर और गर्दन के कैंसर से पीड़ित रोगियों की संख्या लगभग 30 से 40 प्रतिशत है। उन्होंने सिर और गर्दन के कैंसर के रोगियों के प्रबंधन के लिए बहु-विषयक टीम दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया, जिसमें सिर और गर्दन के सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और पैलिएटिव केयर विशेषज्ञ शामिल हों। जहाँ प्रारंभिक चरण के कैंसर का उपचार मुख्य रूप से शल्य चिकित्सा द्वारा किया जाता है।
प्रोफ़ेसर शालीन कुमार, प्रोफ़ेसर देवेंद्र गुप्ता और प्रोफेसर पुनीता लाल ने सिर और गर्दन के कैंसर के विभिन्न पहलुओं और उनके महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. अमित रस्तोगी (एनेस्थीसिया विभाग) ने इन रोगियों से निपटने के दौरान एनेस्थीसिया संबंधी चिंताओं पर प्रकाश डाला और डॉ. अंकुर (प्लास्टिक सर्जरी और बर्न विभाग) ने स्थानीय रूप से उन्नत मुख कैंसर के जटिल पुनर्निर्माण पर प्रकाश डाला। डॉ. मनोज जैन, विभागाध्यक्ष, पैथोलॉजी ने इन कैंसरों के रिसेक्शन के बाद महत्वपूर्ण हिस्टोपैथोलॉजिकल विशेषताओं पर बात की। डॉ. संजय धीराज ने सिर और गर्दन के कैंसर में दर्द और राहत के बारे में बात की।
अंत में कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए डॉ. इंदु शुक्ला (एसोसिएट प्रोफेसर, हेड एंड नेक सर्जरी) ने आयोजक टीम और प्रतिभागियों को हार्दिक धन्यवाद दिया।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
