
रांची, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । झारखंड और उसके सीमावर्ती राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के डीजीपी के बीच सोमवार को पूर्वी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति (ईआरपीसीसी) की बैठक हुई। इस दौरान झारखंड और पड़ोसी राज्यों ने नक्सलवाद और संगठित अपराध से लड़ने के लिए रणनीति बनाई।
इस बैठक में नक्सलवाद और संगठित अपराधों के खात्मे के लिए एक ठोस रणनीति पर चर्चा की गई और उसे अंतिम रूप दिया गया। छत्तीसगढ़ की ओर से आयोजित यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई, जिसमें झारखंड के पुलिस डीजीपी अनुराग गुप्ता सहित सभी संबंधित राज्यों के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न गंभीर मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई।
इस बैठक में सीमावर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों के खिलाफ चरणबद्ध और समयबद्ध तरीके से संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति पर जोर दिया गया। विशेष रूप से, ओडिशा सीमा पर सारंडा वन क्षेत्र में नक्सलियों पर शिकंजा कसने के लिए संयुक्त अभियान चलाने का सुझाव दिया गया। इसके अलावा ब्राउन शुगर, अफीम, डोडा, नशीली दवाएं और अवैध शराब की तस्करी की संभावना वाले चिन्हित चेकपोस्टों पर जिलों के पुलिस एसपी की ओर से समय-समय पर औचक जांच करने का सुझाव दिया गया।
हाल के दिनों में बढ़ते साइबर अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए आपसी तालमेल और सूचना साझा करने पर जोर दिया गया। फर्जी सिम कार्ड की खरीद-बिक्री की रोकथाम के लिए भी कदम उठाने का सुझाव दिया गया। इसके अलावा मानव तस्करी और चिटफंड धोखाधड़ी, बांग्लादेशी अवैध प्रवासी, नए आपराधिक कानून और प्रशिक्षण मुद्दे पर चर्चा हुई।
झारखंड डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सीमावर्ती क्षेत्रों में उग्रवादियों की आवाजाही और अन्य संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी अपने आसपास के थाना क्षेत्रों से साझा करने और खुफिया तंत्र को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्यों के पुलिस अधीक्षकों को निरंतर आपसी समन्वय बैठकें करनी चाहिए और अंतर्राज्यीय सीमाओं पर नक्सली गतिविधियों और मादक पदार्थों की तस्करी पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। सटीक सूचना उपलब्ध कराने के लिए पुलिस बल के आपसी समन्वय पर भी बल दिया गया।
बैठक के दौरान झारखंड पुलिस के अन्य अधिकारियों ने भी कई मुद्दे पर रखी अपनी बात रखी। स्पेशल ब्रांच आईजी प्रभात कुमार की ओर से नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियानों की जानकारी दी गई।
वहीं आईजी सीआईडी असीम विक्रात मिंज ने साइबर अपराध और नारकोटिक्स से संबंधित विषयों पर जानकारी दी। जबकि आईजी ट्रेनिंग ए. विजयालक्ष्मी ने राज्य में नए आपराधिक कानूनों और अन्य प्रशिक्षण से संबंधित कार्यों को प्रस्तुत किया।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
