

कानपुर, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । नाग देवताओं को समर्पित नाग पंचमी का पर्व मंगलवार को मनाया जाएगा। इसके लिए शिवालयों और शिव मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। नागों के इस पर्व में उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के मध्य स्थित खेरेपति मंदिर का जिक्र आना स्वाभाविक है। क्योंकि इस मंदिर प्रांगण में लगने वाले मेले में तरह-तरह के सांप आते हैं।इस मंदिर की एक ऐसी मान्यता भी है कि यदि लगातार यहां पर शेषनाग के दर्शन करते रहे तो कालसर्प दोष से जल्द ही मुक्ति मिलती है।
शहर के नानाराव पेशवा पार्क (कपंनी बाग) के सामने शेषनाग का मंदिर स्थापित है। इसे खेरेपति बाबा मंदिर के नाम से जाना जाता है। करीब सौ साल पहले इस मंदिर का निर्माण मिश्रा परिवार की ओर से कराया गया था। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से कालसर्प दोष से ग्रसित लोगों को मुक्ति मिलती है। नागपंचमी के दिन मंदिर में भव्य श्रृंगार और पूजा अर्चना कराया जाता है। इसके साथ ही आस-पास के जिलाें से सैकड़ों सपेरे अपने सांपों को लेकर बीन बजाते हुए मंदिर पहुंचते हैं। यहां पर सांपाें का मेला लगता है।
मंदिर के प्रबंधक अनंत मिश्रा (अंटू) मंदिर के बारे में बताते हैं कि आज से करीब साै साल पहले उनके बाबा स्वर्गीय पंडित प्रयाग नारायण मिश्रा ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। उनके स्वर्गवास के बाद पिता स्वर्गीय दिनेश चंद्र मिश्रा और अब वह खुद तीसरी पीढ़ी हैं। जो इस मंदिर की देख-रेख कर रहे हैं।
उन्हाेंने बताया कि जिस जगह पर यह मंदिर स्थापित है, यहां पर करीब साै साल पहले नाग देवता की बांबी हुआ करती थी। जहां भक्त रोजाना पूजा अर्चना करते थे। नाग पंचमी के दिन विशेष तौर पर श्रद्धालु बांबी की पूजा करते हुए दूध और फूल चढ़ाकर नाग देवता से आशीर्वाद मांगते थे। इस मंदिर में शेषनाग भगवान विष्णु भगवान और नाग देवता की पूजा होती है। साथ ही भोलेनाथ का अरघा भी बना हुआ है। जहां श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं।
मंगलवार को नाग पंचमी के अवसर पर इस मंदिर में बाबा का फूलों से श्रृंगार किया जाएगा। साथ देश के कई हिस्सों से सपेरे अपने सांपों को इस मंदिर में आम भक्तों के दर्शन के लिए लाते हैं। इस मंदिर की एक ऐसी मान्यता भी है कि यदि लगातार यहां पर शेषनाग के दर्शन करते रहे तो कालसर्प दोष से जल्द ही मुक्ति मिलती है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
