
सिरसा, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि जिस हरियाणा की पहचान हरियाली और खुशहाली के रूप में होती थी, आज उसकी पहचान रोजाना हो रही ताबड़तोड़ फायरिंग को लेकर होती है। बेकाबू अपराध के चलते आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है। फायरिंग, फिरौती, रंगदारी, लूट, डकैती, हत्या और दुष्कर्म लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गए हैं। भाजपा सरकार लगातार जनता के इस दर्द को अनदेखा कर रही है। कानून व्यवस्था के बिगड़े हालात को देखकर यहीं कहा जा सकता है कि प्रदेश में भाजपा सरकार लाचार खड़ी और प्रदेश में माफिया और जंगलराज है।
सांसद कुमारी सैलजा ने रविवार को जारी एक प्रेस बयान में कहा कि भाजपा के 11 साल के राज में अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है, नतीजा आम आदमी भय के साये में जीने को मजबूर है या प्रदेश से पलायन के बारे में सोच रहा है। हरियाणा में माफिया राज, गुंडागर्दी, और गैंगस्टर्स का बोलबाला है, पुलिस व्यवस्था और प्रशासनिक स्तर पर बरती जा रही लापरवाही ने लोगों के जीवन में खौफ भर दिया है। मुख्यमंत्री प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। सच तो ये है कि आज हरियाणा संगठित अपराध और अराजकता का केेंद्र बनकर रह गया है। सांंसद कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि जब से प्रदेश में भाजपा की सत्ता में आई है, क्राइम का ग्राफ लगातर ऊपर जा रहा है। आज हालात ऐसे हो गए हैं कि प्रदेश में हरेक व्यक्ति खुद को असुरक्षित महसूस करता है। अपराध इस कद्र बेकाबू हो चुका है, मानो प्रदेश को सरकार नहीं माफिया चला रहे हों।
सैलजा ने कहा कि भाजपा के राज से पहले हरियाणा की पहचान खुशहाली और हरियाली थी, उसकी पहचान अब बदमाशी और गोली हो गई है। खुद प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीआई) रिपोर्ट में हरियाणा को देश का सबसे असुरक्षित राज्य बताया है। एनसीआरबी की रिपोर्ट खुद बढ़ते अपराध की यही गवाही देती है। एक साल के भीतर प्रदेश में हजार लोगों की हत्याएं हो रही है। कहा जा सकता है कि प्रतिदिन तीन से चार हत्याएं हो रही है। हरियाणा में रेप की वारदातें कम होने के बजाए बढ़ रही है। रोजाना तीन से चार रेप की वारदातें सामने आ रही है। सैलजा ने कहा कि बढ़ते क्राइम रेट के साथ हरियाणा देश में आगे हैै। 2014-15 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के सालाना मामले थे, जो आज बढक़र लगभग दोगुना हो गए हैं। इनमें 100 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
