
शिमला, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार फिर कहर बरपा सकता है। मौसम विभाग ने आज से अगले कुछ दिनों के लिए राज्य के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने 27 और 28 जुलाई के लिए भारी वर्षा का येलो अलर्ट और 29 जुलाई के लिए चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में बहुत भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा 30 जुलाई को भी कई जिलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार आज ऊना, कांगड़ा और सिरमौर में गरज-चमक, बिजली गिरने और तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। 28 जुलाई को ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर में भारी बारिश का येलो अलर्ट है। 29 जुलाई को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में बहुत भारी बारिश का ओरेंज अलर्ट जारी हुआ है, जबकि ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 30 जुलाई को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में फिर से भारी बारिश हो सकती है।
बीते 24 घंटों में भी प्रदेश के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। मलरान में सबसे ज्यादा 26 मिमी, काहू में 14, मनाली में 11 और जोत व जुब्बड़हट्टी में 10-10 मिमी बारिश दर्ज हुई। रविवार सुबह से शिमला समेत कई क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं।
लगातार बारिश से प्रदेश में जनजीवन पर असर पड़ा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, रविवार सुबह तक प्रदेश में दो नेशनल हाईवे और 203 सड़कें बंद हैं। मंडी और कुल्लू जिलों में एक-एक नेशनल हाईवे अवरुद्ध है। अकेले मंडी जिले में 130 सड़कें और कुल्लू में 45 सड़कें बंद हैं।
भारी बारिश से बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। प्रदेश में 75 बिजली के ट्रांसफार्मर और 113 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। मंडी में 24 ट्रांसफार्मर और 54 पेयजल योजनाएं, कुल्लू में 47 ट्रांसफार्मर और कांगड़ा जिले के धर्मशाला व नूरपुर उपमंडलों में 59 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं।
मानसून सीजन की शुरुआत से अब तक प्रदेश में भारी तबाही हुई है। 20 जून से अब तक बारिश और भूस्खलन से 155 लोगों की मौत हो चुकी है, 257 लोग घायल हुए हैं और 34 लोग लापता हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 31 लोगों की मौत और 27 लोग लापता हुए हैं। कांगड़ा में 23, चंबा में 17, कुल्लू में 15, शिमला में 12, ऊना में 11, हमीरपुर और सोलन में 10-10, किन्नौर में 9, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 5 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है।
भारी बारिश से घरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। अब तक 1312 मकानों को नुकसान हुआ, जिनमें 417 मकान पूरी तरह ढह गए हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 986 मकानों को नुकसान पहुंचा, जिनमें से 375 मकान पूरी तरह गिर गए। इसके अलावा करीब 21500 पोल्ट्री पक्षी और 1376 मवेशियों की भी मौत हुई है।
राज्य में इस मानसून सीजन में अब तक करीब 1490 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 752 करोड़ रुपये और जलशक्ति विभाग को 495 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा अब तक फ्लैश फ्लड की 42, बादल फटने की 25 और भूस्खलन की 32 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
