
नई दिल्ली, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय सेवा भारती एवं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के विशिष्ट आपदा शोध केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आपदा सन्नद्ध समाज निर्माण विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन शनिवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर में प्रारंभ हुआ।
इस अवसर पर ‘राष्ट्रीय सेवा साधना: आपदा प्रबंधन’ विशेषांक का लोकार्पण किया गया। जिसमें देशभर में हो रहे आपदा प्रबंधन से जुड़े सेवाकार्यों, अनुभवों और नवीन प्रयोगों को साझा किया गया है।
कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि समाज के हर नागरिक को आपदा के समय सजग और तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा भारती जैसी संस्थाएं इस दिशा में राष्ट्र के लिए अमूल्य योगदान दे रही हैं।
गृह मंत्रालय (आपदा प्रबंधन) में अतिरिक्त सचिव संजीव जिंदल ने सरकार की आपदा तैयारी एवं नागरिक भागीदारी की रणनीतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और ऐसे प्रशिक्षण शिविर उस दिशा में बड़ा कदम हैं। देश की आईएमडी जैसी संस्थाएं आपदा की समय रहते जानकारी देने में सक्षम है। उन्होंने सचेत और दामिनी ऐप को सभी को इंस्टॉल और प्रयोग करने का आग्रह किया जिससे स्थानीय जगह पर बिजली गिरने, भारी बारिश और चक्रवात की पूर्व जानकारी मिल जाती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा भारती दिल्ली के अध्यक्ष रमेश अग्रवाल ने की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सेवा भारती एक शीर्ष समन्वय संस्था है जो देशभर में 800 से अधिक सेवा संगठनों के माध्यम से कार्य करती है। इसके अंतर्गत वर्तमान में 44,121 सेवा प्रकल्प संचालित हो रहे हैं। यह संगठन केवल नियमित सेवाकार्य ही नहीं, बल्कि आपदा के समय त्वरित राहत और पुनर्वास कार्यों में भी अग्रणी भूमिका निभाता है।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी
