
घर के बाहर खेल रहा था मासूम हमीरपुर 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में आवारा कुत्तों के आतंक के बाद अब बड़ी संख्या में सड़कों पर घूम रहे गधे के झुंड लोगों की जान की दुश्मन बन गए है। य़हां हमीरपुर शहर में गधे के झुंड में एक मासूम फंस गया जिसे गधे के झुंड रौंदते हुए निकल गए। गंभीर रूप से घायल मासूम को इलाज के लिए कानपुर हैलट ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। शनिवार को मासूम के शव को सड़क पर रखकर परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। मौके पर पहुंची पुलिस के समझाने के बाद परिजनों ने जाम हटाया।
हमीरपुर नगर के कजियाना मोहाल के रहने वाले विनेश निषाद दिव्यांग है। इसका मासूम बेटा सागर (११) पिछले दिनों घर के बाहर खेल रहा था तभी अचानक गधों का झुंड उसे रौंदते हुए निकल गया। गंभीर रूप से घायल मासूम को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां हालत नाजुक होने पर उसे कानपुर रेफर कर दिया गया था। कानपुर में इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। शनिवार को मासूम के शव को कालपी चौराहा के पास हमीरपुर-कालपी स्टेट हाइवे में रखकर परिजनों ने जाम लगा दिया। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह परिजनों को समझाकर जाम खुलवाया। शहर कोतवाली राकेश कुमार ने बताया कि खच्चरों (गधा) का झुंड कजियाना मोहाल की सड़क से निकल रहा था तभी यह मासूम गधों के झुंड की चपेट में आ गया।
गधे की ठोकर से मासूम बुरी तरह घायल हो गया था। बताया कि कानपुर में इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। वहां इसके शव का पोस्टमार्टम पुलिस ने कराया है। आज शनिवार को मासूम के शव को अंतिम संस्कार करने परिजन घर से निकले थे तभी कालपी चौराहा के पास परिजनों ने जाम लगा दिया। समझाने के बाद परिजनों ने बच्चे के शव का अंतिम संस्कार कर दिया है। परिजनों ने बताया कि नगर के हर कोने में गधे के झुंड घमाचौकड़ी करते हैं। जिससे बच्चों और आम लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। इन पर कोई लगाम भी नहीं लगाई जा रही है। बता दे कि कई साल पहले हमीरपुर के बुजुर्ग पत्रकार हरीश बाबू श्रीवास्तव की गधे की झुंड के कारण माैत हो गई थी।
—————
(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा
