Uttar Pradesh

दालमंडी क्षेत्र में चल रहे सड़क चौड़ीकरण अभियान के विरोध में उतरी कांग्रेस

महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे

आरोप लगाया कि काशी की आत्मा पर रिडेवलपमेंट के नाम पर चलाया जा रहा बुलडोज़र

वाराणसी,26 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर स्थित अतिसंवेदनशील दालमंडी क्षेत्र में चल रहे सड़क चौड़ीकरण अभियान पर सियासत गरमाने लगी है। इस अभियान के विरोध में उतरी कांग्रेस ने निर्णायक हस्तक्षेप का ऐलान किया है।

पार्टी के स्थानीय महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने शनिवार एक बयान जारी किया। उन्हाेंने आरोप लगाया कि काशी की आत्मा पर रिडेवलपमेंट का बुलडोज़र चल रहा है। काशी जहां गंगा बहती है, शिव वास करते हैं और धर्म, संस्कृति, व्यापार तथा परंपरा का अद्भुत समागम होता है। अब इसी पवित्र नगरी में विकास के नाम पर जो कुछ हो रहा है वह न तो विकास है और न ही बदलाव, वह एक सुनियोजित ‘विनाश’ है। जिसमें सिर्फ इमारतें नहीं, धर्म, व्यापार और इंसानियत दबाई जा रही है। दालमंडी, काशी का बड़ा व्यापारिक केंद्र है जहां सदियों से बनारसी सिल्क, ज़री, जड़ाऊ आभूषण, इत्र, और मसाले देश-विदेश में काशी की पहचान बनाते रहे हैं। आज सरकार की ‘रिडेवलपमेंट परियोजना’ के नाम पर एक ऐसे ‘अघोषित युद्ध’ का मैदान बन गया है जहां हथियार नहीं, बुलडोज़र चलते हैं।

महानगर अध्यक्ष ने बताया कि दालमंडी पर कांग्रेस का निर्णायक हस्तक्षेप होगा। पार्टी ने दालमंडी क्षेत्र की जमीनी सच्चाई जानने और उसे राजनीतिक, प्रशासनिक स्तर पर उचित स्थान दिलाने के लिए 12 सदस्यीय जमीन सर्वेक्षण टीम गठित की है। यह टीम रविवार 27 जुलाई से दालमंडी क्षेत्र के स्थानीय व्यापारियों, धार्मिक प्रतिनिधियों, महिला उद्यमियों और आम नागरिकों से संवाद करेंगी। दालमंडी में स्थित मंदिर, मस्जिद, इमामबाड़ों आदि की वर्तमान स्थिति का तथ्यात्मक विश्लेषण करेंगी। इसके बाद प्रशासन की ओर से की गई तोड़फोड़ और नोटिस प्रक्रिया की वैधानिकता की समीक्षा कर इसकी समग्र रिपोर्ट तैयार कर उसे एक ज्ञापन के रूप में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को सौंपेगी।

राघवेन्द्र चौबे ने बताया कि यह रिपोर्ट केवल विरोध का औपचारिक दस्तावेज नहीं होगी, यह उस जनता की आवाज़ होगी, जिसे विकास के नाम पर कुचला जा रहा है। हमारी टीम प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई के हर पहलू की निष्पक्ष समीक्षा कर रही है। राज्यपाल को सौंपे जाने वाले इस ज्ञापन में हम यह भी मांग करेंगे कि दालमंडी को ‘हेरिटेज मार्केट’ घोषित किया जाए।

राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा

महानगर अध्यक्ष के अनुसार इस पूरी प्रक्रिया को सिर्फ कागजी ज्ञापन तक सीमित न रखते हुए, पार्टी के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाक़ात के लिए समय भी मांगा है। ताकि दालमंडी में हो रहे इस ‘विकास’ की वास्तविक जमीनी स्थिति का वस्तुपरक और शालीन प्रस्तुतीकरण किया जा सके।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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