
– डीएम, एसएसपी व सीएम को भेजा गया पत्र
– मंदिर परिसर में दो अलग-अलग घटनाओं पर हुई कार्रवाई
मीरजापुर, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) विन्ध्याचल धाम स्थित मां विन्ध्यवासिनी मंदिर में हाल ही में घटित दो विवादित घटनाओं के बाद पंडा समाज ने सख्त कदम उठाते हुए कुल आठ पुरोहितों और श्रद्धालुओं पर 15 दिनों का प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंधित अवधि में संबंधित व्यक्ति मंदिर में किसी भी प्रकार की तीर्थपुरोहिती या श्रृंगार कार्य नहीं कर सकेंगे।
पंडा समाज द्वारा यह कार्रवाई दो अलग-अलग घटनाओं के आधार पर की गई। पहली घटना 4 जुलाई को गर्भगृह में श्रृंगारिया परिवार व एक अन्य पुरोहित परिवार के बीच मारपीट की थी। इसमें अमित पांडेय, सुमित पाण्डेय, नवनीत पाण्डेय, शिवांजु मिश्र और सत्यकाम मिश्र को दोषी माना गया। दूसरी घटना 23 जुलाई को न्यू विशिष्ट मार्ग पर हुई थी, जिसमें निवेदित भट्ट, उत्तम पाण्डेय और उत्सव पांडेय को दोषी ठहराया गया।
इस विषय पर पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने जानकारी दी कि मंदिर की गरिमा और श्रद्धालुओं की आस्था पर ऐसी घटनाओं से असर पड़ रहा है, जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पंडा समाज की कार्यकारिणी ने एक तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी, जिसमें संगम लाल त्रिपाठी, शनिदत्त पाठक और गौतम द्विवेदी को शामिल किया गया था। जांच के बाद दोषियों की सूची तय की गई और समाज की बैठक में सर्वसम्मति से प्रतिबंध का निर्णय लिया गया।
इस निर्णय की सूचना जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन, एसएसपी सोमन बर्मा और नगर मजिस्ट्रेट विनीत कुमार उपाध्याय को लिखित रूप से दी गई है। पंडा समाज ने चेतावनी दी है कि भविष्य में यदि कोई और इस तरह की घटनाओं में संलिप्त पाया गया तो और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विवादित पक्ष का विरोध
प्रतिबंधित श्रृंगारिया शिवजी मिश्र ने इस निर्णय को पक्षपातपूर्ण बताया और कहा, “पंडा समाज को ऐसा निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। जांच समिति भी पक्षपाती है, क्योंकि तीन में से दो सदस्य मेरे विरोधियों से प्रभावित हैं।” उन्होंने यह निर्णय निरस्त करने की मांग की।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
