

कोलकाता, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । कोलकाता पुलिस ने धोखाधड़ी के दो बड़े मामलों का खुलासा किया है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंकों से एक करोड़ 17 लाख की ठगी की गई। इन दोनों मामलों में कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपितों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया।
पहला मामला है एचडीएफसी बैंक से 62 लाख की ठगी की। इस मामले में आरोपितों ने खुद को सिंचाई, स्वास्थ्य और वन विभागों का कर्मचारी बताकर छह पर्सनल लोन लिए थे। इन सभी में फर्जी वेतन पर्चियां और बैंक स्टेटमेंट का इस्तेमाल किया गया था।
पुलिस जांच के दौरान खुलासा हुआ कि यह जालसाजी एक संगठित गिरोह द्वारा बांकुड़ा और बर्दवान जिलों से संचालित की जा रही थी, जिसमें एचडीएफसी बैंक के डायरेक्ट सेलिंग एजेंट भी शामिल था।
गिरफ्तार आरोपित के नाम आकाश धिबार (28), सोनामुखी, इस पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप है। इसके खाते में 21 लाख से अधिक की राशि ट्रांसफर हुई थी। उसे शुक्रवार कोर्ट में पेश कर चार अगस्त 2025 तक पुलिस हिरासत में भेजा गया।
दूसरा राणा वाल्मिकी (37) बर्दवान निवासी डायरेक्ट सेलिंग एजेंट के रूप में काम करता था और लोन पास कराने के बदले कमीशन लेता था। उसे भी आज कोलकाता के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया।
गौरतलब है कि इस मामले की जांच इंस्पेक्टर शिप्रा मलिक कर रही हैं और फरार अन्य आरोपितों की तलाश में छापेमारी की जा जारी रही है।
दूसरा मामला एसबीआई से 55.34 लाख की कार लोन धोखाधड़ी की है। इस मामले में चार लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए एसबीआई बैंक से कार लोन लिया। यह मामला ठाकुरपुकुर थाने में दर्ज किया गया, जिसकी शिकायत एसबीआई की क्षेत्रीय प्रबंधक तेजस्विता रंजन ने दर्ज कराई थी।
आरोपितों ने फर्जी नामों और कागजातों के जरिए कार लोन पास कराया और बड़ी रकम हड़प ली। इस मामले में जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। उनका नाम कौशिक घोष (48) जो बेहाला निवासी है। यह पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है जिसने सभी फर्जी दस्तावेज तैयार किए।सुजीत कुमार मिश्रा (41) कमीशन के बदले फर्जी लोन पास कराने की भूमिका निभाई। सुभ्रत पुरकायस्थ (38) दक्षिण 24 परगना का रहने वाला है जो अपने नाम पर फर्जी कार लोन लिया। रणब्रत चटर्जी (51) रीजेंट पार्क निवासी जो पैसे लेकर दूसरों के लिए फर्जी लोन की व्यवस्था की।
इन चारों आरोपितों को भी शुक्रवार अलीपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। पुलिस ने कोर्ट से हिरासत की मांग की है। इसके साथ ही, उन गाड़ियों की तलाश भी की जा रही है, जो इन फर्जी लोन के जरिए खरीदी गई थीं।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
