
जोधपुर, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर की ओर से प्रथम पंक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम के अंतर्गत जालीपा व गुड़ामालानी, बाड़मेर के किसानों को उन्नत बीजीय मतीरा के बीजों का वितरण किया गया। इस दौरान 180 से अधिक किसानों को तीन उन्नत किस्में, जोधपुर कलिंगड़ा 1, सीएजेडजेके 13 -2 और जी के-2 के बीजों का वितरण किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि बीजीय मतीरा-कलिंगड़ा की महत्ता व इस फसल की खेती से होने वाले लाभ को देखते हुए पश्चिमी राजस्थान के किसानों का रुझान अब इस फसल के तरफ होने लगा है। इसका अनुसन्धान कार्य कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के डॉ. बीआर चौधरी, कृषि अनुसन्धान केंद्र मंडोर स्थित एआईसीआरएन ऑन पोटेंशियल क्रॉप्स के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के फलस्वरूप हाल ही में बीजीय मतीरा की एक किस्म, जोधपुर कलिंगड़ा 1 की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर हुई है।
प्रोजेक्ट के मुख्य अन्वेषक डॉ मिथलेश कुमार ने बताया कि बीजीय मतीरा की खेती, टिकाऊ खेती के साथ साथ किसानो को आय बढ़ाने में भी कारगर साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि जोधपुर के बीजीय मतीरा से जुड़े उद्यमियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसके बीज की आवक सूडान देश से कम होने के कारण इसके भाव में बढ़ोतरी हुई है। कार्यक्रम के संचालन में कृषि विज्ञान केन्द्र, गुड़ामालानी के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अध्यक्ष डॉ. बीएल मीणा सहित एसएमएस डॉ. विकास चावला एवं बीएलएमसीएल की ओर से चलाई जा रही आजीविका परियोजना के एसआरएफ मनप्रीत सिंह का सहयोग रहा।
(Udaipur Kiran) / सतीश
