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गलत जन्मतिथि पर पासपोर्ट व पैन कार्ड मामले में अब्दुल्ला आजम की याचिकाएं खारिज

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

प्रयागराज, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । गलत जन्म तिथि के मामले में सपा नेता और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है। कोर्ट ने फर्जी पासपोर्ट और दो पैन कार्ड बनवाने के मामले में दायर उनकी दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

न्यायमूर्ति समीर जैन ने एक जुलाई को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को फैसला सुनाते हुए दोनों याचिकाएं खारिज़ कर दी। कोर्ट ने कहा इस मामले में रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी।

अब्दुल्ला आजम खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो अलग-अलग मामलों में दो याचिकाएं दाखिल की थीं। पहला मामला फर्जी पासपोर्ट से जुड़ा था, जबकि दूसरा मामला दो पैन कार्ड बनवाने से जुड़ा है। दोनों ही मामलों में अब्दुल्ला आजम खान ने याचिकाएं दाखिल कर रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहे ट्रायल की सम्पूर्ण कार्यवाही को रद्द करने के लिए की मांग की थी।

गलत जन्म तिथि पर फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में आकाश सक्सेना (अब भाजपा विधायक) ने 30 जुलाई 2019 को अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ रामपुर के सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी, फर्जी कागजात बनाने और भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, 1920 की धारा 12 (1ए) में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक प्रमाण पत्र और पासपोर्ट विभाग को दी गई जानकारी अलग-अलग है।

शिकायत के अनुसार, पासपोर्ट में अब्दुल्ला आजम की जन्म की तारीख 30 सितम्बर 1990 बताई गई है। जबकि शैक्षिक प्रमाण पत्रों में एक जनवरी 1993 है। वहीं दूसरे मामले में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खान और सपा नेता आजम खान के खिलाफ छह दिसम्बर 2019 को रामपुर के सिविल लाइन थाने में दो पैन कार्ड रखने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी।

अब्दुल्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि आजम खान ने चुनाव लड़ाने के लिए बेटे अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड बनवाए हैं। चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में अब्दुल्ला आजम ने बात छिपाई थी।

–एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा है केसअब्दुल्ला के खिलाफ दर्ज दोनों मामलों में रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। इसकी सम्पूर्ण कार्यवाही को रद्द करने की इलाहाबाद हाईकोर्ट से मांग की थी। शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना की तरफ से कोर्ट में अधिवक्ता शरद शर्मा और समर्पण जैन ने पक्ष रखा, वहीं अब्दुल्ला आजम खान की तरफ से अधिवक्ता इमरान उल्लाह और मोहम्मद खालिद ने तर्क पेश किए।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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