
रांची, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । महिलाओं का स्वास्थ्य केवल एक सामाजिक संकेतक (सोशल इंडिकेटर) नहीं बल्कि देश के आर्थिक विकास का भी दर्पण है। झारखंड सरकार मंईयां सम्मान योजना, सर्वजन पेंशन योजना जैसे योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ठोस कदम उठा रही है। इन योजनाओं को सखी मंडल के माध्यम से जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा रहा है। हेल्थ, पोषण के साथ-साथ अब मेंटल वेल-बीइंग पर भी फोकस करना समय की ज़रूरत है। एक स्वस्थ नागरिक ही शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर समाज की नींव रख सकता है। सेतु दीदियां और सखी मंडल की महिलाएं अब न केवल स्वयं जागरूक हो रही हैं, बल्कि अपने समुदाय को भी संगठित और सशक्त कर रही हैं। यह परिवर्तन अब गांव-गांव तक पहुंच रहा है और यही झारखंड की वास्तविक ताक़त है। उक्त बातें ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कही। मंत्री बुधवार को संगठन, स्वास्थ्य, समृद्धि ,खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर महिला समूहों की सहभागिता विषय पर आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं।
आपस में समन्वय बना कर करें काम
यह कार्यशाला केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय और झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड सोसाईटी (जेएसएलपीएस) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी।
कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य,पोषण, स्वच्छता ये सभी विषय आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं और इन पर प्रभावशाली कार्य तभी संभव है जब इनसे से जुड़े संबंधित विभाग आपस में समन्वय बना कर काम करें।
राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका से स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, ऊर्जा और आजीविका के क्षेत्र में नया परिवर्तन दिख रहा है। मंईयां सम्मान योजना,मनरेगा दीदी बाड़ी, अबुआ आवास, बिरसा हरित ग्राम, पोषण वाटिका जैसी योजनाएं नारी नेतृत्व को सशक्त बना रही हैं।
योजनाओं से महिलाएं ही रही सशक्त
ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन ने कहा कि महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण ही स्वस्थ समृद्ध और विकसित समाज की नींव है। उन्होंने कहा कि सरकार के मंईयां सम्मान योजना, पीवीटीजी परिवारों तक राशन पहुंचाने के उद्देश्य से संचालित डाकिया योजना, फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के माध्यम से महिलायें आर्थिक और सामाजिक रूप से समृद्ध हो रही हैं।
श्रीनिवासन ने बताया कि फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत अब तक 36 हजार महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण के माध्यम से लाभान्वित किया गया है। कार्यशाला के पहले दिन प्रतिभागियों ने क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान 14 जिलों के जमीनी प्रयासों का अवलोकन किया और उससे महत्वपूर्ण सीख लिया। इसे वे अपने-अपने राज्यों में लागू कर सकेंगे।
कार्यशाला में विभिन्न राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, झारखंड की एफएनएच कैडर ने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम में झारखंड में उत्कृष्ट कार्य कर रही सेतु दीदियों को मोमेंटो और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यशाला स्थल पर 14 राज्यों और झारखंड की ओर से स्टॉल्स भी लगाए गए। इनमें खाद्य,पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए नवाचारों की प्रभावशाली प्रदर्शनी प्रस्तुत की गई। मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह ने स्टॉल्स का भ्रमण कर प्रतिभागियों से उनके नवाचारों और प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
