

रांची, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बुधवार को दो क्षेत्र इटकी प्रखंड के हरमू गांव और मांडर प्रखंड के हरील पाहन टोली का भ्रमण किया। इस दौरान मंत्री ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि अपने भ्रमण में वे सबसे पहले वह इटकी के हरमू गांव पहुंची। जहां गांव के सूरज मुंडा के पुत्र अमित मुंडा और पुत्री प्रीति मुंडा की जान सही इलाज के अभाव में चली गई है। वहां मंत्री ने मृतक के परिजनों का हालचाल जाना। घटना से आहत मंत्री ने परिजनों की सांत्वना दी। मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया।मंत्री तिर्की ने बताया कि दोनों बच्चे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। दोनों का इलाज परिजनों ने स्थानीय स्तर पर करा रहे थे। इस वजह से यह घटना घटी।मंत्री ने घटना के प्रति गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना की भरपाई संभव नहीं है। लेकिन भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो। इसके लिए गांव के लोगों को जागरूक होना होगा। आगे से जब भी कोई बीमार पड़े या किसी को चिकित्सा की आवश्यकता हो, तो सरकारी अस्पताल में जाये और वहीं पर इलाज कराये वहीं बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण झोला छाप डॉक्टरों से दूर रहे। मंत्री ने बताया कि दोनों बच्चों की मौत के मामले में जांच शुरू कर दी गई है, वहीं सरकार की मेडिकल टीम गांव में कैंप कर ग्रामीणों की जांच में जुट गई है। आखिर किस बीमारी से दोनों बच्चों की जान गई है। इसकी जांच स्वास्थ्य विभाग कर रही है। मंत्री ने इटकी के बाद मांडर प्रखंड के हरील पाहन टोली का भी दौरा किया। उन्होंने बताया कि बीते दिनों इस गांव के अल्बर्ट एक्का और कुलदीप बाड़ा की मृत्यु ट्रेन की चपेट में आ जाने से हो गई थी। मंत्री ने दोनों मृतक के परिजनों से मुलाकात कर उनका दुख बांटा। इसके बाद मंत्री मांडर के ही गोरखो गांव निवासी अंजली कच्छप के आवास पहुंची। अंजली कच्छप की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हो गयी थी। साथ ही गांव की एक महिला और एक बच्चा आकाशीय बिजली गिरने से घायल है। दोनों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। सभी से मिलकर मंत्री ने परिजनों को हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से चार लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
मंत्री के इस दौरे में रमेश महली, राजन किस्पोट्टा, आकाश उरांव, फिलिप सहाय एक्का, भानु सिंह, मांगा उरांव, जमील मल्लिक, रशीद अंसारी, तबारक खान सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और अन्य लोग शामिल थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
