Haryana

जींद : संत कबीर छात्रावास के पूर्व कैशियर पर सरकारी ग्रांट में लाखों के घपले का आरोप

संत कबीर छात्रावास।

जींद, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । जींद में संत कबीर महासभा द्वारा बनवाए जा रहे संत कबीर छात्रावास की कार्यकारिणी में कैशियर रहे जेनेंदर कुमार पर अपने तीन साल के कार्यकाल में संस्था के खाते में कई लाखों रुपये का गबन के आरोप लगाए हैं। संस्था सदस्यों ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। जेनेंदर कुमार 25 जुलाई 2021 से 24 जुलाई 2024 की कार्यकारिणी में कैशियर रहे । तीन साल का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद भी आज तक पूरा हिसाब नही दिया।

संस्था ने लगातार हिसाब देने के लिए संस्था की बैठकों की कार्यवाही बुक में कार्यवाही ऐजेंडा में बार-बार लिखकर कैशियर से हिसाब मांगा लेकिन जेनेंदर कुमार बार बार कोई न कोई बहाना बनाते रहे। जेनेंदर कुमार जींद हमेटी में कृषि विकास अधिकारी के रुप में सरकारी नौकरी में हैं और अब पदोन्नति के बाद गोहाना में सेवारत हैं। संस्था के अध्यक्ष सतबीर सिंह लाडवाल ने बुधवार को बताया कि आठ दिसंबर 2024 को मतदान के बाद संस्था की नई कार्यकारिणी अस्तित्व में आई है। पूर्व कैशियर जेनेंदर कुमार ने नई कार्यकारिणी के गठन के छह माह बाद भी कैश का चार्ज नव निर्वाचित कैशियर को नहीं दिया है। संस्था द्वारा पूर्व कैशियर को चार्ज देने के लिए कई नोटिस भी भेजे गए। पर एक भी नोटिस का जवाब नहीं दिया। इस के अलावा संस्था द्वारा कैशियर को आठ बार हिसाब देने के लिए बुलाया, परन्तु कैशियर उपस्थित नहीं हुआ। जब सारे प्रयास असफल रहे तो आखिर में संस्था ने पुलिस में कैशियर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।

संस्था के अध्यक्ष सतबीर सिंह लाडवाल ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि पूर्व कैशियर ने अनेक बोगस बिल बना कर संस्था को नुक्सान पहुंचाया है। कुछ बिल ऐसे भी हैं जिन्हें दो बार दिखा कर संस्था के पैसे हड़पे गए हैं। कैशियर ने अपने आप बिल बना कर संस्था के पैसों को हड़पा है। जब संस्था ने हिसाब मांगा तो हर बार कैशियर ने अलग-अलग आंकड़े दिए। अब कैशियर ने पूरा और सही हिसाब देने से बिल्कुल मना कर दिया है। प्रधान सतबीर सिंह लाडवाल ने बताया कि कैशियर जेनेंदर कुमार की कार्य अवधि में सरकार से कुल 32 लाख रुपये की सरकारी ग्रांट आई है। जबकि उन्होंने अपने रिकॉर्ड में सिर्फ 21 लाख रुपये की ग्रांट को ही दर्शाया है। इस प्रकार 11 लाख रुपये की ग्रांट का कैशियर के पास कोई हिसाब नहीं है। इस प्रकार करीब छह लाख रुपये का सीधा गबन सामने सामने आया है।

(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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