
जयपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । इस साल 2025 में रक्षाबंधन से लेकर दीपावली तक सभी प्रमुख त्योहार पिछले वर्षों की तुलना में 11 दिन पहले आ रहे हैं। वहीं वर्ष 2026 में तीज-त्योहार 20 दिन देरी से मनाए जाएंगे। इसकी वजह पंचांग की चंद्र गणना और अधिकमास की व्यवस्था है।
पंडित श्रीकृष्ण शर्मा ने बताया कि इस वर्ष 2025 में सावन मास की शुरुआत 11 जुलाई से हुई है, जो 30 दिन का रहेगा। इसमें चार सोमवार और चार मंगला गौरी व्रत होंगे। सावन के साथ ही मांगलिक और धार्मिक पर्वों की धारा शुरू हो गई है, जो दीपावली और छठ तक चलेगी।
शर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन 9 अगस्त, जन्माष्टमी 16 अगस्त, गणेश चतुर्थी 27 अगस्त, शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर, दशहरा 2 अक्टूबर, दीपावली 20 अक्टूबर और देवउठनी एकादशी 1 नवंबर को मनाई जाएगी। यह सभी पर्व पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 11 दिन पहले पड़ रहे हैं।
इसलिए बदला त्योहारों का समय
शर्मा के अनुसार अंग्रेजी कैलेंडर सौर गणना (365 दिन) पर आधारित होता है, जबकि हिन्दू पंचांग चंद्र गणना (354 दिन) पर आधारित है। इसी कारण हर वर्ष लगभग 11 दिन का अंतर आता है। इस अंतर को संतुलित करने के लिए हर तीन साल में एक अधिकमास जोड़ा जाता है। 2023 में सावन अधिकमास आया था और अगला अधिकमास 2026 में ज्येष्ठ मास के रूप में 17 मई से 15 जून तक रहेगा। इस कारण वर्ष 2026 में त्योहारों की तिथियां लगभग 20 दिन बाद आएंगी।
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(Udaipur Kiran)
