
पटना, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । बिहार में मौसम का मिजाज बदलने वाला है। इसका कारण बंगाल की खाड़ी में बन रहा साइक्लोनिक सर्कुलेशन है।
पटना मौसम विज्ञान केंद्रा ने 23 जुलाई से अगले 7 दिनों तक राज्य के कई जिलों में भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना जताई है। खासकर दक्षिणी बिहार के गया, रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद और अरवल में गुरुवार से भारी बारिश का दौर शुरू होगा जो 28 जुलाई तक जारी रह सकता है। इस दौरान 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं और बिजली गिरने की आशंका भी है।उत्तर बिहार की तुलना में दक्षिणी जिलों में बारिश का प्रभाव अधिक होगा, जिससे अधिकतम तापमान में 5 डिग्री तक की गिरावट हो सकती है।
पटना में बुधवार और गुरुवार को आसमान साफ रहने से भीषण गर्मी और उमस का सामना करना पड़ेगा लेकिन शुक्रवार से बादल छाएंगे और एक-दो स्थानों पर बारिश के साथ ठनका गिरने की संभावना है। मौसम विभाग ने लोगों को बिजली के खंभों से दूर रहने, खेतों में काम करने से बचने और पक्के मकानों में शरण लेने की सलाह दी है।
मौसम विभाग ने रोहतास, औरंगाबाद और गया में गुरुवार को एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी है। पूर्वी और दक्षिण-मध्य बिहार में बुधवार को ठनका और तेज हवाओं की आशंका है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गंगा, कोसी और पुनपुन नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पटना के दियारा, मनेर और फतुहा में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन 24 जुलाई तक एक निम्न दबाव क्षेत्र में बदल सकता है जो आगे चलकर साइक्लोन में तब्दील हो सकता है। हालांकि, मौसम मॉडल्स में अभी इसके तीव्रता और मार्ग को लेकर अनिश्चितता है। यह सिस्टम मुख्य रूप से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसका असर बिहार में भी भारी बारिश के रूप में देखने को मिलेगा।
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(Udaipur Kiran) / चंदा कुमारी
