
टोंक, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । अजमेर संभाग का सबसे बड़ा बीसलपुर बांध अब छलकने की कगार पर है। बुधवार सुबह 6 बजे तक जल स्तर 315.39 आरएल मीटर दर्ज किया गया, जो कि कुल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर से मात्र 11 सेंटीमीटर कम है। बीते 24 घंटे में बांध में 6 सेंटीमीटर पानी की आवक दर्ज की गई है। यदि पानी की आवक की गति बनी रही, तो शुक्रवार तक इसके गेट खोलने की संभावना है।
बीसलपुर बांध परियोजना के एक्सईएन मनीष बंसल के अनुसार पानी की निरंतर आवक को देखते हुए एक-दो दिन में गेट खोले जा सकते हैं। बीसलपुर बांध में वर्तमान में 37.930 टीएमसी पानी है, जबकि इसकी कुल भराव क्षमता 38.703 टीएमसी है। यानी बांध अभी 98 प्रतिशत भर चुका है। बांध के भरने से टोंक, अजमेर और जयपुर जिले के लगभग एक करोड़ से अधिक लोगों को राहत मिलेगी। इसके अलावा टोंक जिले के नहरी क्षेत्र के करीब तीन लाख किसान भी सिंचाई के लिए लाभान्वित होंगे।
उल्लेखनीय है कि बीसलपुर बांध का निर्माण 2004 में पूर्ण हुआ था और उसी वर्ष यह पहली बार छलका था। इसके बाद 2006, 2014, 2016, 2019, 2020, 2022 और 2024 में यह सात बार फुल भर चुका है। इस बार जुलाई माह में यह आठवीं बार छलकने की स्थिति में है, जबकि पूर्व में यह अधिकतर अगस्त और सितंबर माह में भरता रहा है। बीसलपुर बांध से रोजाना लगभग 950 से 1000 एमएलडी पानी टोंक, अजमेर और जयपुर जिलों को पेयजल आपूर्ति के लिए भेजा जाता है। बांध में सिंचाई के लिए 8 टीएमसी, पेयजल के लिए 16.2 टीएमसी तथा वाष्पीकरण एवं अन्य उपयोगों के लिए 8.15 टीएमसी पानी आरक्षित है।
बांध के 18 गेट हैं, जिनका आकार 15×14 मीटर है। इसकी लंबाई 576 मीटर तथा ऊंचाई 322.50 मीटर है। बांध की जलभराव सीमा में 68 गांव डूब चुके हैं, जिनमें 25 पूर्णतः और 43 आंशिक रूप से प्रभावित हैं। जलभराव क्षेत्र लगभग 25 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 21,030 हेक्टेयर भूमि डूब क्षेत्र में आती है। सिंचाई के लिए बांध से दो मुख्य नहरें दायीं और बायीं नहर निर्मित की गई हैं। दायीं नहर की लंबाई 51 किलोमीटर और बायीं की 18.65 किलोमीटर है, जिनसे टोंक जिले की 81,800 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है।
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(Udaipur Kiran)
