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हाईकोर्ट ने अशोक कुमार मौर्य की याचिका निस्तारित की

-नामांकन निरस्तीकरण को चुनाव याचिका से चुनौती देने का रास्ता सुझाया

नैनीताल, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ग्राम सभा बढ़ियाखटीमा से प्रधान पद के चुनाव लड़ रहे अशोक कुमार मौर्य की ओर से दायर याचिका को निस्तारित कर दिया है। याचिका में सरकारी भूमि पर कथित अतिक्रमण के आधार पर उनके नामांकन को निरस्त करने के निर्णय को चुनौती दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस नरेंद्र और जस्टिस आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया कि यदि नामांकन गलत कारणों से निरस्त किया गया है, तो याचिकाकर्ता इसे चुनाव याचिका के माध्यम से चुनौती दे सकते हैं।

मामले के अनुसार, अशोक कुमार मौर्य ने खटीमा से प्रधान पद के लिए नामांकन दायर किया था, लेकिन सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के आरोप में इसे निरस्त कर दिया गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित संबं​धित विभाग के अधिकारियों ने कोर्ट को अवगत कराया कि पूर्व के आदेशों के अनुपालन में विभाग ने एक कमेटी गठित की थी। जांच में 80 लोगों की ओर से सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया था, जिसमें याचिकाकर्ता का नाम भी शामिल था। जिनको पूर्व में ही चिह्नित कर हटाने का नोटिस जारी किया गया था। लेकिन बार बार नोटिस देने के बाद भी सरकारी भूमि से अतिक्रमण नही हटाया गया। इस प्रकण पर एकलपीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका को आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया था। जिसे स्पेशल अपील के माध्यम से चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया।

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(Udaipur Kiran) / लता

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