
कानपुर, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । जब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, तब कुछ नेता जैसे तमिलनाडु में स्टालिन और महाराष्ट्र में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे हिंदी का विरोध कर देश की एकता को खंडित करने का प्रयास कर रहे हैं। भाषा संवाद का माध्यम है, विवाद का नहीं। ऐसी राजनीति भारत की आत्मा के खिलाफ है । यह बातें सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तहत कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने आवास विकास, पनकी स्तिथ बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि इस बैठक में बिहार प्रदेश भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष ब्रजेश सिंह रमन भी उपस्थित रहे। बैठक में छठ पूजा समिति तथा बिहार मूल के कानपुर वासियों की भागीदारी रही। इस अवसर पर देश में भाषा के नाम पर बढ़ते विवादों पर विशेष चिंता व्यक्त की गई, विशेषकर महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु में हिंदी विरोध की राजनीति को लेकर।
भाजपा बिहार के पूर्व उपाध्यक्ष ब्रजेश सिंह ‘रमन’ ने कहा कि भारत विविधता में एकता वाला देश है। यहां हर भाषा, हर संस्कृति हमारी साझा विरासत है। कुछ राजनीतिक दल भाषा को हथियार बनाकर समाज में दरार पैदा करना चाहते हैं, लेकिन भाजपा सभी भारतीय भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान करती है। हम हर राज्य के मूल निवासियों को जोड़ने का कार्य कर रहे हैं, न कि तोड़ने का ।
बैठक में मौजूद सभी वक्ताओं ने यह संकल्प लिया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “भारत को भाषायी, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से और भी अधिक एकजुट” बनाने के अभियान में सक्रिय भूमिका निभाते रहेंगे।
इस अवसर पर छठ पूजा समिति के अध्यक्ष उमा शंकर यादव,कपिल देव सिंह,रवि यादव,आर पी सिंह,ह्रदेश पाठक,सुरेश गिरी,राकेश यादव,सुरेंद्र सिंह(राजन),जनक सिंह,गिरीश चंद्रा,वीरेश मिश्रा,पूर्व मंडल अध्यक्ष चंद्रमणि चौबे सहित कई प्रमुख सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद
