
– एनजीटी के आदेश की उड़ रही धज्जियां
मीरजापुर, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
वाराणसी-शक्तिनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चुनार रेंज के बेलखरा ग्राम पंचायत में वन विभाग की जमीन पर बना एक अवैध टोल प्लाजा अब सुर्खियों में है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बावजूद अब तक सिर्फ नाम भर का अतिक्रमण हटाया गया है, जबकि हकीकत में धर्मकांटा, हॉटमिक्स प्लांट, टिन शेड और गिट्टी का भंडारण अभी भी ज्यों का त्यों खड़ा है।
बताया जाता है कि एसीपी टोलवेज कंपनी ने ग्राम बेलखरा में आरक्षित वन भूमि पर टोल प्लाजा, वर्कशॉप, हॉटमिक्स प्लांट और अन्य व्यावसायिक निर्माण कर लिए हैं। इस पर चौधरी यशवंत सिंह ने एनजीटी में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद हड़कंप मच गया। एनजीटी के निर्देश पर जिला प्रशासन और वन विभाग की ओर से गठित चार सदस्यीय टीम ने रिपोर्ट में साफ लिखा कि 7.79 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण हुआ है।
सरकारी आदेश-ज़मीनी हकीकत
जिलाधिकारी ने एनजीटी को शपथ पत्र देकर बताया कि 4 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है, जबकि शेष 3.79 हेक्टेयर पर न्यायालय का स्थगन आदेश है। लेकिन यशवंत सिंह का दावा है कि जमीन पर सिर्फ दिखावे के लिए कुछ हटाया गया, जबकि असली निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियां अब भी जारी हैं।
अदालत के आदेश की अनदेखी?
चौंकाने वाली बात यह है कि प्रभागीय वनाधिकारी ने 16 जुलाई 2024 को आदेश जारी करते हुए टोल प्लाजा प्रबंधन को 15 दिन में जमीन खाली करने का निर्देश दिया था, लेकिन इस आदेश के खिलाफ अपील की गई, जिसे 16 मई 2025 को खारिज कर दिया गया। बावजूद इसके अतिक्रमण अब भी बरकरार है।
सवाल अब भी वही—कब हटेगा ये अवैध टोल प्लाजा?
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक वन भूमि के मामलों में सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय या भारत सरकार का वन्य जीव विभाग ही निर्णय ले सकता है। ऐसे में निचली अदालतों के आदेश की आड़ में बचाव करने की कोशिशों पर अब सवाल उठने लगे हैं।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
