
देहरादून, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने और राहत और बचाव कार्यों, क्षति का आकलन, राहत वितरण, पुनर्निर्माण व पुनर्वास संबंधी कार्यों को जल्द से जल्द संचालित करने के लिए सभी जनपदों में तहसील स्तरीय क्विक रिस्पांस टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मानसून अवधि के दौरान इस टीम की बैठक अनिवार्य रूप से हर माह की 11 व 21 तारीख को करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने टीम में सभी संबंधित विभागों को शामिल करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों का जायजा लिया। मौसम विभाग द्वारा चार जनपदों के लिए जारी रेड अलर्ट को लेकर एहतियात बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत कर जनपदों में बारिश की स्थिति, सड़कों की स्थिति, चारधाम और कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं व विद्युत, पेयजल एवं मूलभूत आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून सीजन में सभी अधिकारी 24 घंटे अलर्ट मोड में रहें। किसी भी जान-माल के नुकसान से बचाव के लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि बारिश के पूर्वानुमान का अपडेट लोगों को तुरंत मिल जाए। इसके लिए जनपद, तहसील, ब्लॉक और ग्राम स्तर तक आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय रखा जाए। वर्षा के कारण जो सड़कें बंद हो रही हैं, उन्हें शीघ्रता से सुचारु किया जाए।
उन्होंने कहा कि भू-स्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर सभी आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। वर्षा के कारण जनजीवन प्रभावित न हो, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए। निर्देश दिए कि मानसून के दृष्टिगत राज्य के पर्वतीय जनपदों में खाद्यान्न, दवाइयों और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त स्टॉक रखा जाए। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जन सुरक्षा की दृष्टि से सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को मौसम का नियमित अपडेट दिया जाए। वर्षा के कारण यातायात प्रभावित होने की स्थिति में श्रद्धालुओं को ठहराव स्थलों पर भोजन, पानी एवं अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम की स्थितियों के अनुसार ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया जाए ताकि यात्रियों की सुरक्षा खतरें में न पड़ें। उन्होंने कहा कि यदि कोई मार्ग बारिश के कारण संवेदनशील बना हुआ है तो वैकल्पिक मार्गों से यातायात संचालन किया जाए।
उन्होंने कहा कि यदि कहीं पर अवैध अतिक्रमण के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो रही हो तो तुरंत ऐसे अतिक्रमण को चिह्नित करते हुए उसे हटाया जाए। सीएम ने बारिश के कारण करंट फैलने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि करंट फैलने जैसी घटनाएं न हों। उन्होंने गिरासू भवनों का सेफ्टी ऑडिट करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अंतिम छोर में बैठे व्यक्ति तक भी मौसम संबंधी सभी सूचनाएं और अलर्ट समय पर पहुंच जाएं। उन्होंने कहा कि यदि समय पर सूचनाएं पहुंचेंगी तभी लोग सुरक्षा हेतु कदम उठा पाएंगे, इसमें किसी तरह का विलंब न किया जाए।
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(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
