HimachalPradesh

एवीबीपी ने जॉब ट्रेनिंग नीति का किया कड़ा विरोध, तत्काल वापसी की मांग

धर्मशाला, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश सरकार की नई ‘जॉब ट्रेनिंग’ भर्ती नीति का कड़ा विरोध किया है। एवीबीपी की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने सोमवार को जारी एक बयान में इस नीति को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया और सरकार से अपने चुनावी वादे के अनुसार स्थायी नियुक्तियां करने की मांग की।

नैंसी अटल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने से पहले युवाओं को एक लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन अब स्थायी नियुक्तियों की जगह ‘जॉब ट्रेनिंग’ योजना थोपकर युवाओं के सपनों को कुचला जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्रेनी पॉलिसी नहीं चलेगी बल्कि युवाओं को चाहिए स्थायी नौकरी। उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत, युवाओं को पहले दो साल तक केवल ट्रेनिंग पर रखा जाएगा। इस दौरान उन्हें नियमित कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलेगा। उन्हें सीएसएस, सीसीएस, अवकाश और पेंशन नियमों का लाभ नहीं मिलेगा और न ही उन्हें सरकारी कर्मचारी माना जाएगा। दो साल बाद भी उन्हें नियमित होने के लिए फिर से परीक्षा पास करनी होगी। उन्होंने इस नीति को युवाओं के साथ अन्याय और उनके आत्मसम्मान पर चोट बताया।

एवीबीपी प्रदेश मंत्री ने कहा कि प्रदेश के हजारों युवा वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। स्थायी सरकारी नौकरी की उम्मीद में उन्होंने कठिन परिश्रम किया है। लेकिन सरकार अब उन्हें केवल अस्थायी ‘जॉब ट्रेनी’ का दर्जा देकर उनके सपनों को तोड़ रही है।

एवीबीपी का स्पष्ट मत है कि सरकार को रोजगार के नाम पर युवाओं को धोखा देना बंद करना चाहिए। परिषद ने चेतावनी दी है कि यह नीति न तो युवाओं के हित में है और न ही प्रदेश के विकास के लिए लाभकारी है और इससे युवा वर्ग में निराशा और आक्रोश फैलेगा।

एवीबीपी ने प्रदेश सरकार से इस निर्णय को तुरंत वापस लेने और अपने चुनावी वादों के अनुसार स्थायी नियुक्तियां करने का आग्रह किया है। परिषद ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस जनविरोधी नीति को लागू करने की कोशिश की, तो एवीबीपी पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य होगी।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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