



घर-घर हुआ जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और शिव पूजन को विशेष पूजा अर्चना
अनूपपुर, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । सावन माह का द्वितीय सोमवार को बाद दुर्लभ योग भी बना है। सावन सोमवार के साथ आज एकादशी व्रत भी है। प्रसिद पवित्र नगरी नर्मदा उद्गम अमरकंटक के अमरेश्वर भगवान शिव की तपस्या स्थली में भक्तों का तांता लगा है। यहां देश दुनिया से बड़ी संख्या में भक्त शिवालय में शिव पूजा अर्चना करने पहुंचा रहे हैं।
अनूपपुर जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी मध्य प्रदेश -छत्तीसगढ़ सीम पर बसी पवित्र नगरी अमरकंटक के जंगलों में प्राकृतिक शिवलिंग अमरेश्वर महादेव’ स्थित है। यहां न सिर्फ छत्तीसगढ़ से, बल्कि दूसरे राज्यों से भी लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। सावन के महीने में इस मंदिर में भारी भीड़ होती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, सुबह से लोग मंदिर पहुंच भगवान शंकर को जल चढ़ाया।
सावन का सोमवार व्रत भगवान शिव पूजा के लिए विशेषकारी माना जाता है। पंचांग के अनुसार सावन महीने की शुरुआत 11 जुलाई से हो गई है जो 9 अगस्त तक तक चलेगा। धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार व्रत करने से व्यक्ति की हर मनचाही इच्छा पूरी होती है। देवों के देव महादेव को सावन का महीना सबसे प्रिय है। इस पूरे महीने में शिव जी और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए सावन सोमवार व्रत करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। दूसरा सोमवार 21 जुलाई को अनूपपुर जिले भर के शिव मंदिरों में शिवभक्तों ने सुबह से हीं भ्रगवान शिव का अभिषेक किया। साथ लोगों के मंदिरों के साथ अपने –अपने घरों में पूजा में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और शिव पूजन को विशेष पूजा अर्चना कर शिव को प्रसन्नद करने का प्रयास किया। माना जाता हैं कि भगवान शिव का अभिषेक करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
सावन मास में दूसरे सोमवार को शिवभक्तों का जत्था पवित्र नगरी अमरकंटक पहुंचा, जहां नर्मदा की तीर्थकोटि सरोवर में स्नान कर नर्मदा मंदिर में पूजा पाठ किया। वहीं सैकड़ों की तादाद में कांवडिए जिनमें महिला, पुरूष और बच्चे शामिल थे ने भी नर्मदा स्नानकर कुंड से नर्मदा जलभर कर जालेश्वर में जलाभिषेक किया। यह सिलसिला अहले सुबह से शाम तक बना रहा। वहीं नर्मदा के दर्शन और पूजा पाठ के लिए भक्तों की कतार मंदिर परिसर में बनी रही। इस मौके पर अमरकंटक सहित जालेश्वर धाम में भी शिव दर्शन और जलाभिषेक के लिए भक्तों की लम्बी कतार लगी रही। अमरकंटक और जालेश्वर धाम के बीच 8 किलोमीटर के फासले में जगह जगह कांवडिय़ों का जत्था हर-हर महादेव की जयघोष करते हुए आगे बढ़ता नजर आया। शिवभक्त की जयघोष से नर्मदा नगरी हर हर महादेव से गुजांयमान है, मानों शिव साक्षात अमरकंटक में प्रकट हो। भक्त भींगते हुए नर्मदा दर्शन के साथ जलाभिषेक के लिए जालेश्वर प्रस्थान कर रहे हैं। इसके अलावा माई की बगिया, सोनमूडा सहित अन्य दर्शनीय स्थलों पर भी सैलानियों की भीड़ उमड़ी रही।
आदिवासी बाहुल्य अनूपपूर जिले के बहुप्रसिद्ध पवित्र नगरी मां नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक में इस श्रावण मास में अमरकंटक के जलेश्वर और अमरेश्वर देश दुनिया से लोग पूजा अर्चन करने आते है। नर्मदा का जल जालेश्वर महादेव को अर्पण करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। सावन के महीने में यहां नर्मदा जल चढ़ाने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। दूर-दूर से लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और महादेव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ऐसी मान्यता है अमरकंटक के जलेश्वर और अमरेश्वर में पूजा अर्चना के लोगो की मान्यताएं पूर्ण होती है। अमरकंट कई ऋषि-मुनियों की तप-स्थली होने के साथ ही यह स्थल आध्यात्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से बहुत ही सुंदर और मनोरम है। अमरकंटक का उल्लेख महाभारत काल में भी मिलता है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थल महत्वपूर्ण है।
एक भक्त ने अमरकंटक पर स्थित अमरेश्वर मंदिर के महत्व के बारे में बताया, देश दुनिया के प्रसिद्ध मंदिरों को छोड़कर परिवार सहित अमरकंटक में ही पूजा अर्चना करने क्यों आए, इसी के साथ मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित महेंद्रानंद ने बताया कि मां नर्मदा का जल जालेश्वर महादेव को अर्पण करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। सावन के महीने में यहां नर्मदा जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है। हर वर्ष सावन मास में दूर-दराज से कांवड़िए (भक्त) भूतेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना करने आते हैं।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला
