
सिरसा, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । सिरसा जिला के नाथूसरी चोपटा खंड के सेम से प्रभावित सात गांवों की करीब दो हजार एकड़ नरमा, ग्वार, मूंगफली की फसलों में बरसाती व सेम का पानी भरने से खराब हाे गई है। किसानों को नरमे की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया है। बारिश के कारण नरमा फसल सहित दूसरी फसलों को भी नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण चोपटा ब्लॉक के सात गांवों में नरमे तथा अन्य फसलों में पानी भरा था। जिसमें गांव रुपाणा गंजा में 400 एकड़, रुपाणा बिश्नोईयां में 300 एकड़, शक्कर मंदौरी 500 एकड, शाहपुरिया के 150 एकड, नहाराणा 150 एकड़, तरकावाली 100 एकड़, चाहरवाला में करीब 50 एकड़ के लगभग नरमा फसल बारिश के कारण पानी में डूब गई। नरमे की फसल में पानी भरा होने से नरमा सूखने लगा है और मजबूरन किसानों को खेत जोतने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा मार गांव शक्कर, रूपाना गंजा व बिश्नोइया के किसानों को पड़ी हैं। जिनका करीब 1200 एकड़ नरमे की फसल खराब हो गई है। किसान मजबूरन खेत जोतकर महंगे मूल्य पर धान की पनीरी लेकर रोपाई करने को मजबूर है।
गांव शक्कर मंदोरी निवासी किसान अशोक कुमार कासनियां ने सोमवार को बताया कि उसने 7 एकड़ नरमा की फसल पर ट्रैक्टर चलाया है। उसने बताया कि उसने 7 एकड़ जमीन नरमे की बिजाई की थी। बारिश का पानी भरने के कारण पूरा नरमा सूखने लग गया है। इसके साथ ही मोटरें लगाकर निकाला जा रहा है, लेकिन पानी खड़ा रहने के कारण नरमा सूखने लग गया है। इसके अलावा गांव शक्कर मंदोरी निवासी किसान प्रदीप कुमार की चार एकड़, मनीष दो एकड़, राजेश सहारण की दो एकड़, मुकेश नम्बरदार की चार एकड़, किसान सुरेंद्र की एकड़ व भरत सिंह की 8 एकड़, जय कुमार की दो एकड़, तेजपाल की तीन एकड़ सहित अन्य किसानों के खेतों में पानी भरने से नरमा फसल खराब हो रही गई है।
किसानों ने बताया कि बारिश और खेतों में खडा पानी किसानों द्वारा सेमनाले में छोड़ा जा रहा है। जिससे गांव शक्कर मंदोरी, शाह्पुरिया, तरकांवाली के निकट से गुजरने वाले सेमनाले में पानी का बहाव ज्यादा होने के कारण सेमनाले का किनारा टूटने का खतरा बना हुआ है। अगर ये सेमनाला टूटता है तो आसपास के गांव की हजारों एकड फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो जाएगी। किसानों ने विभागीय अधिकारियों से इस ओर ध्यान देते हुए सेमनाले की पटरी को मिट्टी से भरने की मांग की गई है। किसानों ने आरोप लगाया गया है कि विभागीय अधिकारियों ने बारिश के मौसम को देखते हुए सेमनाले की सफाई नहीं करवाई जिस कारण सेमनाले में पानी का बहाव ज्यादा है।
किसान मुकेश कुमार, वीरेंद्र, अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने करीब तीन महीने पहले नरमे की फसल की बिजाई की थी, अब पानी में डूब जाने के कारण उन्हें काफी घाटा उठाना पड़ा है। किसानों का लगभग प्रति एकड़ करीब 10 हजार रुपये नरमा बिजाई पर खर्च हो चुका है। अब इस फसल को नष्ट करना पड़ रहा है। इसके बाद धान की रोपाई की तो प्रति एकड़ के हिसाब से छह से आठ रुपए किसानों के खर्च होंगे। इन गांवों के किसानों पर बारिश की आपदा के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
