
शिमला, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून फिर से कहर बरपा रहा है। बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश से जगह-जगह भूस्खलन हुए हैं। इससे प्रदेश में 3 राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 468 सड़कें बंद हो गई हैं। वहीं 1199 ट्रांसफार्मरों के ठप पड़ने से कई इलाकों में बिजली गुल है। राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान के पास राजीव गांधी डिग्री कॉलेज कोटशेरा के पास भी लैंडस्लाइड हुआ। इसमें एक निजी कार मलबे के नीचे दब गई। गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई। भारी बारिश से नुकसान यहीं नहीं रुका। शिमला के संजौली कॉलेज के पास दो बड़े पेड़ गिरने से सड़क बंद हो गई और दो गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा। शिमला-चौपाल मुख्य मार्ग पर भी कई जगह पेड़ गिरने से सेब से लदे ट्रक और अन्य वाहन फंस गए हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मंडी जिले में सबसे ज्यादा 310 सड़कें बंद हैं। सिरमौर में 52, चंबा में 39 और कुल्लू में 33 सड़कें प्रभावित हुई हैं। मंडी में दो और कुल्लू में एक नेशनल हाईवे भी बंद हो गए हैं। साथ ही मंडी में 390, सोलन में 259, चंबा में 214, सिरमौर में 169 और कुल्लू में 111 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं। कांगड़ा जिले में सबसे ज्यादा 595 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
मौसम विभाग के अनुसार कांगड़ा में सबसे ज्यादा 147 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। इसके अलावा नगरोटा सुरियां में 127, चुआडी में 118, मंडी में 113, जोगिंदरनगर में 100, नाहन में 95, पंडोह में 86, पच्छाद में 85, कुफरी में 76, जतौंन बैरेज में 75, जोत में 74 और सुंदरनगर में 73 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
आज और कल के लिए मौसम विभाग ने भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट और 23 से 27 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और नदी-नालों से दूर रहें, क्योंकि कई डैमों से भी पानी छोड़ा जा रहा है। कोलडैम से आज सुबह 10 बजे पानी छोड़ा गया, जिससे सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ गया है। लारजी डैम और नाथपा बांध से भी पानी छोड़ा गया है।
भारी बारिश के चलते कई उपमंडलों में आज स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहे। मंडी के थुनाग, शिमला के रोहड़ू, जुब्बल, कुमारसैन, चौपाल, सुन्नी और कुल्लू के आनी में शिक्षण संस्थान बंद रहे। ठियोग में संपर्क सड़कें बंद होने से भी छुट्टी घोषित करनी पड़ी।
चंबा जिले की चड़ी पंचायत के सूताह गांव में एक मकान पर भारी पत्थर गिरने से एक पुरुष और महिला की मौत हो गई। पूरे प्रदेश में अब तक मानसून से जुड़ी घटनाओं में 125 लोगों की मौत, 215 घायल और 34 लोग लापता हैं। मंडी और कांगड़ा में सबसे ज्यादा 21-21 लोगों की मौत हुई है। कुल्लू में 15, शिमला में 11, चंबा व हमीरपुर में 10-10, ऊना व सोलन में 9-9 लोगों की जान गई है। मंडी जिले में 27 लोग अभी भी लापता हैं।
प्रदेश में अब तक 382 मकान, 264 दुकानें और 945 गौशालाएं पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, जबकि 739 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा तबाही हुई है, जहां 355 मकान, 241 दुकानें और 771 गौशालाएं तबाह हो गई हैं। 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1296 पालतू पशु भी मारे जा चुके हैं। अब तक राज्य में करीब 1235 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
