
रांची, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । टोटेमिक कुड़मी–कुरमी विकास मोर्चा के बैनर तले रविवार को धुर्वा स्थित पुराना विधानसभा सभागार में पेसा कानून 1996 पर केंद्रित परिचर्चा आयोजित की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज के वरिष्ठ नेता शीतल ओहदार ने की। इस दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कुड़मी जनजाति पेसा कानून का समर्थन करती है, लेकिन उनकी पारंपरिक ग्रामीण व्यवस्था बाईसी प्रथा को शामिल किए बिना यह कानून लागू करना अनुचित होगा।
वक्ताओं ने कहा कि बाईसी प्रथा गांव-समाज में आज भी जीवित है और इसमें मईड़ला महतो की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
परिचर्चा में सरकार से मांग की गई कि पेसा कानून में इस परंपरा को औपचारिक रूप से जोड़ा जाए। इसके लिए 31 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल, पंचायती राज मंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेगा।
कार्यक्रम में डॉ अनिल कुमार महतो, डॉ. अमर कुमार चौधरी, डॉ. मुकुंद चंद मेहता, अधिवक्ता षष्ठी रंजन महतो सहित अन्य मौजूद थे।
—————
(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
