
मुरादाबाद, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । आर्य समाज मंडी बांस का 147 वां स्थापना दिवस रविवार को धूमधाम से मनाया गया। आर्य जगत के उच्च कोटि के अंतरराष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य मुनि शुचिषद वानप्रस्थ ने कहा कि मानवता अर्थात मानवीय गुणों को अपनाना ही वास्तव में सब मनुष्यों का धर्म है।
कार्यक्रम प्रातःकाल और सायंकाल दो सत्रों में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सभी के द्वारा देवयज्ञ करके किया गया। देवयज्ञ के पश्चात आचार्य मुनि शुचिषद वानप्रस्थ ने श्रद्धालुओं को धर्म और अधर्म के बारे में बताया कि जो पक्षपात रहित न्याय, सत्य का ग्रहण, असत्य का सर्वदा परित्याग रूप आचार है उसी का नाम धर्म है और इसके विपरीत जो पक्षपात सहित अन्यायाचरण सत्य का त्याग और असत्य को ग्रहण रूप कर्म है उसी को अधर्म कहते हैं। वेद, स्मृति, सत्पुरुषों का आचार तथा अपनी आत्मा की आवाज यह चार धर्म के लक्षण हैं।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डा. मनोज रस्तोगी और विशिष्ट अतिथि डॉ अभय श्रोतिय रहें। कार्यक्रम में निर्मल आर्य, डॉ मनोज रस्तोगी, नवनीत रस्तोगी, अजब सिंह, चंद्रकिरण आर्या, प्रीता आर्या, विनीत रस्तोगी, आर्य संदीप त्रिवेदी, रमेश सिंह आर्य, ऋषि पाल सिंह, विनोद गुप्ता, आदर्श गुप्ता, डा.राम मुनि, सुमन रस्तोगी, रश्मि रस्तोगी, रीतु रस्तोगी, कल्पना शंकर, नलिनी आर्य, कुसुम आर्य, मयंक गुप्ता, संतोष गुप्ता, सूर्य प्रकाश द्विवेदी, डॉली खन्ना आदि उपस्थित रहीं।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल
