
जयपुर, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । जयपुर विकास प्राधिकरण ने लक्ष्मी मंदिर तिराहे को जाम मुक्त करने की दिशा में दो साल पहले काम शुरू किया था इसके लिए 65 करोड़ रुपये की लागत से अंडरपास बना कर तिराहे को सिग्नल फ्री तो कर दिया , लेकिन अभी तक जाम मुक्त नहीं हो पाया है। गांधी नगर स्टेशन की तरफ से आने वाले और टोंक रोड से सहकार मार्ग जाने वाले वाहन चालक टोंक फाटक पुलिया के पास जाम में फस रहे हैं। जेडीए ने टोंक फाटक पुलिया के पास बने स्ट्रक्चर को हटाकर इस जगह पर चौड़ी सड़क बनाने की योजना थी ताकि यहां पर होने वाले जलभराव से साथ जाम से आमजन को मुक्ति मिल सके। जेडीए ने साल 2023 में 65 करोड़ रुपए की लागत से मुख्य लक्ष्मी मन्दिर तिराहे को अंडरपास बनाकर सिग्नल फ्री कर दिया। इससे टोंक रोड पर ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल गई। सहकार मार्ग से नेहरू बाल उद्यान तक टोंक रोड तक दो लेन अंडरपास गया है। टोंक रोड और गांधी नगर की तरफ से आने वाला यातायात टोंक फाटक पुलिया के नीचे से होकर सहकार मार्ग पर जाता है। इसके लिए टोंक फाटक पुलिया के नीचे सड़क मार्ग को चौड़ा किया जाना जरुरी है। जेडीए द्वारा जमीन खाली नहीं करवा पाने के चलते यातायात सुगम बनाने के काम में बाधा आ रही है। यातायात को सुगम बनाने की दिशा में रोड चौड़ी करने के लिए जेडीए को यहां 1350 स्क्वायर मीटर जमीन की जरुरत है। खास बात यह है कि गांधी नगर स्टेशन को वल्र्ड क्लास स्टेशन बनाने का काम भी चल रहा है। यहां पर जब पूरी तरह से लोगों का आवागमन शुरू हो जाएगा तो जमीन नहीं मिलने की सूरत में टोंक फाटक पुलिया के नीचे लगने वाले जाम की समस्या और विकराल रुप धारण कर लेंगी। पत्राचार में जेडीए ने गुजार दिए दो साल टोंक फाटक के पास खाली पड़ी बेशकीमती जमीन पर उत्तर-पश्चिमी रेलवे ने कब्जा जमा रखा है। जेडीए इस जमीन को खाली करवाने के लिए दो साल से लगातार रेलवे प्रशासन से पत्राचार में लगा हुआ है। जेडीए ने रेलवे को पत्र लिखकर स्वामित्व संबंधी दस्तावेज मांगे है। जेडीए द्वारा लिखे गए पत्र में बताया गया है कि रामपुरारूपा के खसरा नम्बर 280/490 और 280/291 टोंक पुलिया से रेलवे लाइन के बीच का भाग आता है। सरकारी रिकॉर्ड में यह जमीन जेडीए के नाम दर्ज है। जबकि लम्बे समय से इस पर जमीन रेलवे ने कब्जा कर रखा है। स्वामित्व संबंध दस्तावेजों जमा करवाने को लेकर जेडीए कई बार रेलवे को पत्र लिख चुके है, लेकिन रेलवे ने एक भी पत्र का जवाब नहीं दिया।
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(Udaipur Kiran) / राजेश
