
श्रीनगर 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने शनिवार को श्रीनगर शहर के नौशेरा क्षेत्र में ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व के प्राचीन विचारनाग मंदिर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने समृद्ध सांस्कृतिक एवं स्थापत्य विरासत के संरक्षण हेतु सरकार की महत्वपूर्ण पहल के तहत ऐतिहासिक संपत्ति के पुनरुद्धार, जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों का स्थलीय मूल्यांकन किया।
श्रीनगर के उपायुक्त अक्षय लाबरू और श्रीनगर नगर निगम के आयुक्त फजल उल हसीब इस दौरे के दौरान मुख्य सचिव के साथ थे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने प्राचीन विचारनाग मंदिर जिसे ’विचार साहब’ के नाम से भी जाना जाता है के जीर्णोद्धार कार्यों का शुभारंभ मंदिर के प्रवेश द्वार के स्तंभ में औपचारिक रूप से कंक्रीट सामग्री रखकर किया।
मुख्य सचिव ने साइट पर विभिन्न परियोजना घटकों की समीक्षा की मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे परियोजना दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित समय-सीमा और कार्य की गुणवत्ता का सख्ती से पालन करते हुए तेज गति से कार्य करें।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य सचिव ने ज़ोर देकर कहा कि इस प्रतिष्ठित परियोजना के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण कार्य का उद्देश्य मंदिर के सदियों पुराने गौरव को पुनर्स्थापित करना और इसकी सांस्कृतिक एवं स्थापत्य विरासत को संरक्षित करना है। उन्होंने आगे कहा कि यह पहल विरासत संरक्षण पहल के तहत सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है और साथ ही समुदायों और हमारे सांस्कृतिक समाज के प्रत्येक वर्ग का प्रतिनिधित्व भी दर्शाती है।
मुख्य सचिव ने कहा कि विचारनाग मंदिर का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है जो कश्मीर के विविध सांस्कृतिक समाज को दर्शाता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जीर्णोद्धार कार्य मंदिर के सौंदर्य, विरासत और सामाजिक मूल्यों को पुनर्जीवित और संरक्षित करेगा।
इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए आम जनता, विशेषकर पंडित समुदाय के सदस्यों ने कार्यक्रम में भाग लिया और श्री विचार साहब से आशीर्वाद लिया।
इससे पहले मुख्य सचिव को बताया गया कि परियोजना पर कार्य आर एंड बी श्रीनगर कोर द्वारा 4.58 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है जिसमें मुख्य मंदिर संरचना का संरक्षण और जीर्णोद्धार, स्थल की मूल स्थलाकृति को बहाल करने के लिए मंदिर परिसर के चारों ओर मिट्टी भरना, औपचारिक और सौंदर्यपूर्ण रूप प्रदान करने के लिए प्रवेश द्वार का निर्माण, शौचालय ब्लॉक का निर्माण, गिलसर झील तक निकास नहर की सफाई का कार्य सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा किया जाएगा।
जीर्णोद्धार कार्यों में पारंपरिक चूने के गारे और बुडलू/देवदार की लकड़ी का उपयोग, मूल सौंदर्य को संरक्षित करते हुए सजावटी लकड़ी और पत्थर का काम, ग्रिल, साइनेज और मंदिर की दृश्यात्मक सुंदरता को बढ़ाने के लिए भूदृश्य एकीकरण भी शामिल है। इस परियोजना को एक वर्ष के भीतर अर्थात जुलाई 2026 तक पूरा करने की योजना है।
इस अवसर पर श्रीनगर के अतिरिक्त उपायुक्त आदिल फ़रीद, मुख्य योजना अधिकारी फ़याज़ अहमद डार, आर एंड बी, पीएचई, पीडीडी, आई एंड एफसी, एसएमसी, पुलिस, राजस्व और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
