
मीरजापुर, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । हलिया क्षेत्र में उस समय लोगों की सांसें थम गईं जब खबर आई कि एक चरवाहा दो दिन से बेलन बांध के टापू पर फंसा हुआ है और जान बचाने के लिए बबूल के पेड़ पर भूखा-प्यासा बैठा है। 50 वर्षीय दुर्गा प्रसाद, जो अपने मवेशियों की देखभाल के लिए बांध के भीतर मचान पर रुका था, अचानक बेलन नदी की उफनती धारा में घिर गया।
तेज बारिश के कारण अदवा बांध के छह गेट खोले जाने से बेलन नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। दुर्गा प्रसाद ने जानवरों को मचान पर छोड़ खुद बबूल के पेड़ पर चढ़कर जान बचाई और लगातार दो दिन तक वहीं डटा रहा। न भोजन, न पानी, बस जिंदगी की उम्मीद लिए। गुरुवार को परिजन उसे न पाकर खोजबीन शुरू की, तब जाकर असली माजरा सामने आया। बरौंधा पुलिस चौकी इंचार्ज राज करन सिंह, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि गोपाल कोल के साथ मौके पर पहुंचे। स्थानीय गोताखोरों और ट्यूब का सहारा लेकर दुर्गा प्रसाद को शुक्रवार को सकुशल बाहर निकाला गया।
थानाध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि यह राहत की बात है कि समय रहते दुर्गा प्रसाद को सुरक्षित निकाल लिया गया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
यह घटना न सिर्फ एक साहसिक बचाव अभियान की मिसाल बनी, बल्कि ग्रामीण जीवन में प्राकृतिक आपदाओं से जूझने की सच्ची तस्वीर भी सामने लाई। बेलन के इस बेलगाम बहाव के बीच एक बबूल का पेड़, एक चरवाहे की हिम्मत और स्थानीय प्रशासन की तत्परता ने मिलकर एक जान बचा ली।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
