Uttar Pradesh

गंगा का प्रकोप: खेत बने तालाब, किसानों की मेहनत पर फिरा पानी

चुनार तहसील क्षेत्र के मझरा गांव में बाढ़ से डूब रहे फसलों को देखते ग्रामीण।

– मझरा, धनैता, फुलहा सहित कई गांव बाढ़ की चपेट में, चिंता में डूबे अन्नदाता

मीरजापुर, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । चुनार क्षेत्र में गंगा ने एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर लिया है। जहां गंगा का पानी उम्मीद और आस्था का स्रोत होती है, वहीं इस बार उसका उफान किसानों के लिए आफत बन गया है। मझरा, धनैता, फुलहा, मेड़िया सहित कई गांवों के खेत अब खेत नहीं, तालाब बन चुके हैं।

किसानों ने पसीने की कमाई से जिन खेतों में मूंग, मक्का, तिल्ली, मूंगफली, अरहर जैसी फसलें बोई थीं, अब वहीं गंगा की लहरें अठखेलियाँ कर रही हैं। सिर्फ फसल ही नहीं, बल्कि सब्ज़ियों जैसे बैगन, लौकी, कोहड़ा, भिंडी और पशुओं के लिए बोया गया चारा भी पूरी तरह जलमग्न हो चुका है।

गांव-गांव में हाहाकार है। जिन हाथों में कुदाल और हल था, अब वही हाथ सिर पर रखे चिंता में डूबे नजर आ रहे हैं। लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि पानी और न बढ़े, नहीं तो उनके सामने रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।

किसानों ने प्रशासन से तत्काल राहत और मुआवजे की मांग की है। अगर समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया, तो यह बाढ़ सिर्फ खेत नहीं, किसानों का भविष्य भी बहा ले जाएगी।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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