Haryana

सिरसा: सरपंच की गिरफ्तारी की मांग पर लोगों ने दिया धरना

सरपंच के खिलाफ धरना देते भीम आर्मी के सदस्य।

सिरसा, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिला के गांव खारी सुरेरां के सरपंच पर विकास कार्यों में भ्रष्टाचार करने और दुव्र्यवहार करने के मामले को लेकर शुक्रवार को पीडि़त पक्ष ने भीम आर्मी एकता मिशन के बैनर तले जिला मुख्यालय पर धरना दिया। धरना दे रहे लोगों ने सरपंच गिरफ्तार कर बर्खास्त करने की मांग उठाई है।

धरना दे रहे पीडि़त पक्ष के दीन दयाल ने बताया कि गांव का सरपंच जसवंत सिंह राजनैतिक पहुंच रखता है और दबंग किस्म का व्यक्ति है। पहले भी सरपंच व उसके भाई पन्ना लाल पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। 12 फरवरी 2025 को सरपंच द्वारा भ्रष्टाचार व गलत काम करते हुए ग्राम सभा की मीटिंग के दौरान पंचायत के कार्यवाही रजिस्टर में खाली पेजों पर गांव के भोले-भाले लोगों के हस्ताक्षर/अंगूठे लगवाए रहे थे। वह भी उस समय वहां मौजूद था। जब उसेे हस्ताक्षर के लिए कहा गया तो उसने इसका विरोध किया।

इस पर सरपंच ने अपने भाई पन्ना लाल के साथ मिलकर उसके साथ मारपीट की जान से मारने की धमकी दी। इसकी शिकायत उसने 13 फरवरी 2025 को जसवंत सिंह (सरपंच) व उसके भाई पन्ना लाल के खिलाफ दर्ज किया गया। इस मुकदमे की जांच डीएसपी ऐलनाबाद द्वारा की जा रही थी। आरोप है कि डीएसपी ने सरपंच के साथ सांठ-गांठ कर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पुलिस अधीक्षक सिरसा को एक शिकायत देकर मामले की अन्य किसी जांच अधिकारी से निष्पक्ष तौर पर जांच करवाई जाने की मांग की गई। जिसके तहत विकास कृष्ण डीएसपी सिरसा के पास आगामी कार्यवाही के लिए फाइल सौंपी गई थी।

विकास कृष्ण डीएसपी द्वारा मामले को सही मानते हुए मुकदमा में नामजद आरोपी पन्ना लाल को 28 मई 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन राजनीतिक प्रभाव के चलते सरपंच को गिरफ्तार नहीं किया गया। यही नहीं आरोपी सरपंच ने अग्रिम जमानत याचिका एडीशनल सैशन जज, सिरसा की अदालत में दायर की थी, जोकि 16 जुलाई 2025 को खारिज कर दी गई। अब आरोपी पीडि़त परिवार को तरह-तरह की धमकियां देकर मानसिक प्रताडऩा दे रहे हैं। सरपंच का भाई पन्नालाल भी जेल से बाहर गया है, जिससे परिवार के लोग भय के साए में है। जिला उपायुक्त से भी कई बार मिल चुके है। हमारी मांग है कि सरपंच को तुरन्त प्रभाव से बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए तथा डीएसपी ऐलनाबाद के खिलाफ धारा 4 एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें सस्पेंड किया जाए।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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