
जयपुर, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । आमजन को फल और छायादार पौधे वितरण के जयपुर विकास प्राधिकरण के दावे खानापूर्ति साबित हो रहे हैं। पौधा वितरण केंद्रों पर फल के नाम पर जामुन और शहतूत के ही पौधे मौजूद है जबकि पिछले सालों में आम, अमरुद सहित अन्य फलों के पौधे आमजन को वितरित किए जाते रहे है। तीन दिन में जेडीए करीब 10 से 12 हजार पौधे वितरित कर चुका है।
हिंदुस्थान समाचार के संवाददाता ने शुक्रवार को सेंट्रल पार्क, रामनिवास बाग स्थित रविंद्र मंच, जवाहर सर्किल,निलय कुुुुंज और नेहरु बालोद्यान स्थिति पौधा वितरण केंद्रों का जायजा लिया। रविंद्र मंच और सेंट्रल पार्क में अशोक और एक अन्य प्रजाति का चार से पांच फीट के पौधे बांटे जा रहे थे। रविंद्र मंच पर कई सूखे पौधे भी रखे मिले। सिरोली स्थित निलय कुंज पौधों की क्वालिटी खराब मिली। यहां पर फलों के पौधें नहीं मिले। 4 में से एक केंद्र पर ही जामुन और शहतूत के पौधे मिले।
वरिष्ठ उद्यानविज्ञ नरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि जामुन और शहतूत के अलावा वितरण केंदों पर दूसरे फलों के पौधे नहीं है। क्योंकि आम सहित अन्य प्रजातियों के फलों के 10 फीट के पौधे नहीं मिलते है इसलिए जो उपलब्ध है उन्हें ही वितरित किया जा रहा है।
पौधा वितरण में धांधली भी दिखी
पौधा वितरण केंद्रों पर धांधली भी सामने आ रही है। यहां पर आमजन को पूरे पैसे लेकर भी पांच फीट या उससे छोटे पौधे ही दिए जा रहे हैं। जेडीए आमजन से प्रति पौधा 50 रुपए लेकर एक व्यक्ति को 10 फीट के अधिकतम 5 पौधे बांट रहा है। लेकिन वास्तविकता में पांच फीट या उससे भी छोटे पौधे दिए जा रहे है। पौधा वितरण केंद्र पर मौजूद कर्मचारियों का कहना था कि फिलहाल कुछ प्रजातियों के पौधे खत्म हो गए थे उनके स्थान पर ये पौधे मंगाए गए है। शनिवार को पौधे की गाडी आएगी, उसमें बड़े पेड़ होंगे। फिलहाल जो मौजूद है उन्हे ही वितरित किया जा रहा है।
पौधा वितरण के ठेकेदार धनकुमार ने कहा कि हम आमजन को 10 फीट के ही पौधे वितरित कर रहे है। पौधों की हाइट व क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जा रहा है। हालांकि सभी पौधे 10 फीट के हो यह जरुरी भी नहीं है। कुछ पौधे तो 12 फीट के भी है।
40 प्रतिशत कम दर पर छुडाए टेंडर
जेडीए ने 30 हजार पौधे वितरण और 70 हजार पौधे निजी,सहकारी, सरकारी सहित अन्य संस्थाओं में लगाने के लिए टेंडर किए थे। एक लाख पौधों के लिए जेडीए ने कुल 3.17 करोड़ का टेंडर आमत्रिंत किया था। इसमें धनकुमार और सुरेश कुमार की फर्म ने तय दर से 40 प्रतिशत कम राशि पर टेंडर छुडवा लिए। धनकुमार ने 1.91 करोड़ और सुरेश कुमार ने 1.26 करोड़ के टेंडर में हिस्सा लिया और धनकुमार ने 41 और सुरेश कुमार 40 प्रतिशत कम दर पर टेंडर छुडवाया है। माना जा रहा है कि इतनी कम दर पर टेंडर लेने के कारण ही पौधा वितरण के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।
—————
(Udaipur Kiran) / राजेश
