
मंडी, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । आपदा चाहे कितनी भी विकराल क्यों न हो, जब सेवा का भाव संगठनात्मक दृढ़ता से जुड़ जाए तो राहत सिर्फ सामग्री तक सीमित नहीं रहती — वह आशा और आत्मविश्वास बनकर ज़रूरतमंदों तक पहुंचती है। इसी सिद्धांत को चरितार्थ कर रहा है रोटरी डिस्ट्रिक 3070 का हम फार हिमाचल मिशन, जो आज हिमाचल प्रदेश के आपदा-ग्रस्त क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास का नया अध्याय लिख रहा है। 30 जून को मंडी ज़िले में आई बादल फटने की श्रृंखलाबद्ध घटनाओं में 50 से अधिक लोगों की जानें गईं, सैकड़ों घर और सड़कें बह गईं, और लाखों की आबादी प्रभावित हुई। प्रशासन भले ही नुकसान का आकलन करने में लगा हो, लेकिन रोटरी ने बिना देरी किए मोर्चा संभाल लिया।
रोटरी डिस्ट्रिक 3070 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोहित ओबेरॉय ने हालात की गंभीरता को समझते हुए सभी क्लबों को एकजुट किया और एक नए नाम के साथ इस राहत यात्रा को प्रारंभ किया टीम हम, जिसका भाव था हम सब मिलकर हिमाचल के लिए। यही विचार आगे जाकर बना हम फॉर हिमाचल, एक ऐसा मानवीय आंदोलन जो न केवल राहत पहुंचा रहा है, बल्कि रोटरी की वैश्विक पहचान को ज़मीनी स्तर पर जी रहा है। रोटरी सिर्फ संस्था नहीं, सेवा का जीवंत उदाहरण है। जब हिमाचल ने पुकारा, हम सब ने मिलकर उत्तर दिया यही हम फॉर हिमाचल की आत्मा है। राहत कार्य केवल सामूहिक नहीं, सुनियोजित और स्थानीय ज़रूरतों पर आधारित रहा।
रोटरी क्लब सुंदरनगर, सुकेत, मंडी, नेरचौक और छोटी काशी के रोटेरियन स्वयं प्रभावित गांवों तक पहुंचे। स्थानीय प्रशासन विशेषकर थुनाग और गोहर के एसडीएम के साथ सीधा संवाद कर ज़रूरत के अनुसार राहत सामग्री भेजी गई। जहां सड़कें टूटी थीं, वहां पीड़ितों को सुंदरनगर बुलाकर राहत दी गई। हर पीड़ित परिवार को पूरा किट दिया गया जिसमें कंबल, गद्दे, बर्तन, गैस चूल्हे, दवाइयां, कपड़े, सोलर लाइट, हाइजीन किट और यहां तक कि चप्पल तक शामिल थी। राहत में सिर्फ स्थानीय क्लब ही नहीं, बल्कि पंजाब, जम्मू और मनाली से भी रोटरी क्लबों ने खुलकर भागीदारी निभाई। प्रमुख सहयोगियों में रोटरी क्लब पालमपुर की ओर से 500 कंबल, 120 तिरपाल, 100 गमबूट, रोटरी क्लब जालंधर ईस्ट 100 राशन किट, 50 तिरपाल, 100 कंबल, रोटरी क्लब होशियारपुर 20 गैस चूल्हे, 40 प्रेशर कुकर, तिरपाल और दवाइयां,रोटरी क्लब ऊना ग्रेटर – 100 कंबल, 30 बर्तन किट, राशन, रोटरी क्लब शिमला 54 बैग बासमती चावल, शेल्टर बॉक्स, रोटरी क्लब मनाली सर्दियों के कपड़े और दवाएं, रोटरी क्लब अमृतसर नॉर्थ और वेस्ट राहत की खेप और रोटरी क्लब जम्मू हेल्पिंग हैंड्स की ओर से इमरजेंसी किट और लॉजिस्टिक सहयोग प्रदान किया गया। इनके अलावा, कई रोटेरियनों ने व्यक्तिगत रूप से भी सराहनीय योगदान दिया, जैसे डॉ. अनिल धर्मपुर, रोटेरियन सरबजीत बॉबी शिमला, कपिल सूद डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर चेयर और पूर्व गवर्नर जी.एस. बावा होशियारपुर।
राहत से पुनर्वास तक रोटरी गांव का सपना
टीम हम अब एक कदम और आगे बढ़कर पुनर्वास की दिशा में काम कर रही है। योजना है कि एक पूर्णतः तबाह गांव को गोद लेकर वहां मकान बनवाए जाएं। सरकार की सात लाख की योजना को रोटरी क्लब के सहयोग से मिलाकर एक रोटरी गांव बसाया जाएगा, एक ऐसा मॉडल गांव जो भविष्य में आपदा प्रबंधन और सामाजिक सहयोग का प्रतीक बन सके।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोहित ओबेरॉय का कहना है कि हम सिर्फ बांटने नहीं, जोड़ने आए हैं। हम सिर्फ आज की चिंता नहीं, आने वाले कल की संरचना भी कर रहे हैं। अब टीमहम सोलर मोबाइल चार्जर, सौर लाइट्स और विशेष ज़रूरतों के अनुसार राहत भेज रही है। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से हर गतिविधि साझा की जा रही है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और प्रेरणा फैले।
—————
(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
