Uttar Pradesh

समतामूलक शिक्षा में एक मौन क्रांति ला रहा है ‘साथी’ : प्रो. अमेय करकरे

कार्यक्रम के दौरान लिया गया छाया चित्र

कानपुर, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । SATHEE (साथी) समतामूलक शिक्षा में एक मौन क्रांति ला रहा है। इस पहल के माध्यम से हम यह साबित कर रहे हैं कि सही उपकरण और मार्गदर्शन मिलने पर सभी पृष्ठभूमि के छात्र अपनी पूरी क्षमता तक पहुँच सकते हैं। पंजाब में मिली सफलता इस बात का प्रमाण है कि केंद्रित और समावेशी हस्तक्षेप क्या हासिल कर सकते हैं। यह बातें गुरुवार को परियोजना प्रभारी प्रो. अमेय करकरे ने कही।

साथी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) द्वारा विकसित एक निःशुल्क, प्रौद्योगिकी-संचालित शैक्षिक मंच है। जिसका उद्देश्य जेईई और नीट जैसी प्रवेश परीक्षाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण कोचिंग तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है। इस पहल ने पंजाब में पहले ही एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक प्रभाव प्रदर्शित किया है। जेईई मेन के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या 2024 में 49 से बढ़कर साल 2025 में 85 हो गई, जबकि नीट उत्तीर्ण करने वालों की संख्या साल 2024 में 335 से बढ़कर 2025 में 497 हो गई। जो केवल एक शैक्षणिक वर्ष के भीतर एक उल्लेखनीय सुधार है। शिक्षकों का कहना है कि कई छात्र जो पहले निजी ट्यूशन पर निर्भर थे, अब व्यवस्थित कोचिंग और मार्गदर्शन के लिए पूरी तरह से SATHEE पर निर्भर हैं।

आर्थिक रूप से कमज़ोर पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए तैयार किया गया SATHEE शैक्षणिक संसाधनों का एक पूरा सेट प्रदान करता है। विशेषज्ञ संकाय द्वारा रिकॉर्ड किए गए और लाइव व्याख्यान, दैनिक अभ्यास प्रश्न, मॉक टेस्ट और आईआईटी और एम्स के मेंटर्स द्वारा प्रेरक सत्र हैं। इसकी मुख्य ताकत इसके स्व-मूल्यांकन उपकरणों में निहित है, जो छात्रों को अपनी प्रगति का मूल्यांकन करने और अधिक प्रभावी ढंग से तैयारी करने में सक्षम बनाते हैं।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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