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पोलैंड ने हंगरी से अपने राजदूत को वापस बुलाया, राजनीतिक शरण पर विवाद गहराया

बुडापेस्ट/वारसॉ, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । पोलैंड और हंगरी के बीच राजनीतिक शरण को लेकर बढ़ते तनाव के बीच पोलैंड ने आधिकारिक रूप से हंगरी में नियुक्त अपने राजदूत सेबास्टियन केचेक को वापस बुला लिया है। पोलैंड के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस निर्णय की पुष्टि की और इसे पोलैंड के विरुद्ध एक शत्रुतापूर्ण कृत्य करार दिया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पावेल व्रोंस्की ने बताया कि राजदूत का कार्यकाल 15 जुलाई को समाप्त हो गया है, और अब बुडापेस्ट में पोलैंड की ओर से केवल एक चार्ज डी’अफेयर्स कार्यरत हैं। यह हंगरी में पोलैंड की कूटनीतिक उपस्थिति में गिरावट का संकेत है।

यह विवाद तब उत्पन्न हुआ जब हंगरी ने पोलैंड के पूर्व उपमंत्री मार्सिन रोमानोव्स्की को राजनीतिक शरण दी। रोमानोव्स्की पर पोलैंड में 11 आपराधिक मामलों में आरोप हैं, जिनमें संगठित आपराधिक गिरोह का हिस्सा होना और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग शामिल है। उनके खिलाफ यूरोपीय गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है।

वर्तमान में रोमानोव्स्की बुडापेस्ट में स्थित हंगेरियन-पोलिश इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रीडम के प्रमुख हैं।

हंगरी के विदेश मामलों के राज्य सचिव लेवेंटे माजर ने इस राजनयिक गिरावट पर बुधवार को प्रतिक्रिया देते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन अस्थायी कदम बताया। उन्होंने कहा, यह हमारे मध्य यूरोपीय साझेदारों के साथ संबंधों में अभूतपूर्व घटना है, लेकिन हमें उम्मीद है कि यह ऐतिहासिक मैत्री को प्रभावित नहीं करेगी।

माजर ने यह भी स्पष्ट किया कि हंगरी संवाद के लिए तैयार है, और यह बात उन्होंने पोलैंड के चार्ज डी’अफेयर्स जासेक स्लादेव्स्की को भी बताई है।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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