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बरसात में जर्जर सड़कों पर हाईकोर्ट की सख्ती, समय पर मरम्मत नहीं हुई तो स्वतः संज्ञान लेगा अदालत

हाईकोर्ट

कोलकाता, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के चलते और सड़कों की बदहाल स्थिति पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त नाराज़गी जताई है। गुरुवार को न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति स्मिता दास डे की डिवीजन बेंच ने हावड़ा के बाली सापुईपाड़ा क्षेत्र में लंबे समय से जलजमाव की समस्या का समाधान नगर पालिका के द्वारा नहीं होने को लेकर राज्य सरकार के वकील को कड़ी फटकार लगाई है।

बेंच ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि राज्य की सड़कों की हालत बेहद खराब है। इन्हें अविलंब मरम्मत करें और दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट अदालत में पेश करें, अन्यथा स्वतः संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया जाएगा।

हाईकोर्ट ने तारातला से जोका और बाटा नगर तक की सड़कों की बदहाली को भी तुरंत सुधारने का निर्देश दिया। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य की जनता भारी संकट में है। प्रशासन का दायित्व है कि लोगों को राहत दे। वित्तीय संकट को इस स्थिति के लिए बहाना नहीं बनाया जा सकता है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि जर्जर सड़कें खासकर बीमार लोगों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन रही हैं। राज्य सरकार की ओर से यह तर्क दिया गया कि हावड़ा का सापुईपाड़ा इलाका अपेक्षाकृत नीचा है, इसलिए वहां जलजमाव सामान्य बात है।

इस पर न्यायमूर्ति सौमेन सेन ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह कोई सही बहाना नहीं है, राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पर्याप्त पंप लगे हों, वे ठीक से काम कर रहे हों और जिन्हें टेंडर दिया गया है वे अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि प्रशासन शीघ्र कार्रवाई नहीं करता, तो अदालत स्वयं मामले को आगे बढ़ाएगी। बरसात के मौसम में जलजमाव और सड़क की स्थिति को देखते हुए कोलकाता नगर निगम को भी तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं।

(Udaipur Kiran) / अनिता राय

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