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एक साथ दुश्मन के कई टारगेट तबाह करेगी अग्नि प्राइम मिसाइल, परीक्षण सफल

अग्नि प्राइम मिसाइल परीक्षण

– उड़ान के दौरान अग्नि प्राइम ने अधिकतम सीमा तक अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया

नई दिल्ली, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारत ने नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का ओडिशा तट पर गुरुवार को सफल परीक्षण किया। डीआरडीओ में विकसित 2000 किलोमीटर रेंज की इस मिसाइल को जल्द ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। यह मिसाइल काफी वजनी है, इसलिए इसे पहले से सेवा में शामिल अग्नि-1 की जगह शस्त्रागार में शामिल किये जाने की योजना है।

ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से डीआरडीओ ने यह परीक्षण किया। मिसाइल ने अधिकतम सीमा तक जाकर अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया। यह अग्नि सीरीज की आधुनिक, घातक, सटीक और मीडियम रेंज की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल है। भारत की यह परमाणु मिसाइल एक साथ दुश्मन के कई टारगेट तबाह कर सकती है। अग्नि प्राइम मिसाइल के तीन सफल विकासात्मक परीक्षणों के बाद उपयोगकर्ता दो प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च कर चुके हैं, जिसने सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता को मान्य किया। पिछला रात्रि परीक्षण 04 अप्रैल, 2024 को किया गया था। परमाणु मिसाइल का पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च 07-08 जून, 2023 की रात को किया गया था।

परीक्षण के दौरान उड़ान डेटा को कैप्चर करने के लिए टर्मिनल बिंदु पर दो डाउनरेंज जहाजों सहित विभिन्न स्थानों पर रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन तैनात किए गए थे। अग्नि प्राइम मिसाइल ने उच्च स्तर की सटीकता के साथ सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। विभिन्न स्थानों पर तैनात रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन से मिले डेटा ने मिसाइल सिस्टम के प्रदर्शन को पूरी तरह सफल करार दिया है।

सशस्त्र बलों में पहले से शामिल अग्नि-1 मिसाइल की जगह इसे प्रतिस्थापित किये जाने की योजना है। अग्नि परियोजना से जुड़े एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि अग्नि-I सिंगल स्टेज की मिसाइल है, जबकि ‘अग्नि प्राइम’ दो स्टेज के रॉकेट मोटर पर चलने वाली मिसाइल है, जिसका तीसरा स्टेज मैन्यूवरेबल रीएंट्री व्हीकल है। यानी इससे तीसरे स्टेज को दूर से नियंत्रित करके दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला किया जा सकता है। डबल-स्टेज अग्नि प्राइम में एक कनस्तर संस्करण होगा, जिससे इसे सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से फायर किया जा सकता है। इस पर 1500 किलोग्राम से 3000 किलोग्राम वजन के हथियार लगाए जा सकते हैं। ‘अग्नि प्राइम’ को बीईएमएल-टट्रा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से दागा जाता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, एसएफसी तथा सशस्त्र बलों को इस सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मिसाइल का सफल विकास और इसकी तैनाती सशस्त्र बलों के लिए एक उत्कृष्ट ताकत साबित होगी।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने इस सफल उड़ान परीक्षण के लिए एसएफसी और डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि परमाणु और पारंपरिक दोनों प्रकार के आयुध ले जाने में सक्षम अग्नि-1 प्राइम से भारत की सामरिक प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हुई है।

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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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