Assam

कांग्रेस नेता सैकिया ने बेदखली अभियान में मानवाधिकारों के उल्लंघन का लगाया आरोप, एनएचआरसी को लिखा पत्र

गुवाहाटी, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । असम विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया ने असम सरकार पर संवैधानिक और मानवाधिकार संरक्षण का उल्लंघन करने वाले व्यवस्थित और गैरकानूनी बेदखली अभियान चलाने का आरोप लगाया है। इसको लेकर उन्होंनेराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को पत्र लिखा है।

सैकिया ने अपने बयान में जबरन विस्थापन का विस्तृत विवरण दिया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि विकास के नाम पर कई मूलनिवासी, आदिवासी, अल्पसंख्यक और कटाव प्रभावित समुदायों को बेघर कर दिया गया है, उन्हें पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि असम में गहरी ऐतिहासिक जड़ें रखने वाले समुदाय-जिनमें बोड़ो, कार्बी, गारो, अहोम, असमिया हिंदू, बंगाली मुसलमान और चाय जनजाति की आबादी शामिल है-असमान रूप से प्रभावित हुए हैं। इन समुदायों के सांस्कृतिक और पैतृक संबंधों का हवाला देते हुए, सैकिया ने तर्क दिया कि उनका निष्कासन न केवल गैरकानूनी है, बल्कि असम की बहु-जातीय विरासत के साथ विश्वासघात भी है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस तोड़फोड़ ने रिट याचिका (सिविल) संख्या 295/2022 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन किया है, जिसमें ऐसी कार्रवाइयों से पहले सख्त प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों का आदेश दिया गया है। उन्होंने सोनापुर के कचुतली में 2024 में हुई बेदखली का ज़िक्र किया, जहां एक आदिवासी-निर्धारित क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान पुलिस की गोलीबारी में दो ग्रामीण मारे गए थे और 33 घायल हो गए थे।

सरकार के आचरण को अमानवीय और असंवैधानिक बताते हुए, सैकिया ने एनएचआरसी से मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 में उल्लेखित अपनी शक्तियों के तहत तुरंत जांच शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की अनियंत्रित बेदखली राज्य के लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए खतरा है और असम को कानूनी जवाबदेही से रहित एक सत्तावादी शासन में बदलने का जोखिम है।————-

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

Most Popular

To Top