
नई दिल्ली, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । गुड़गांव स्थित चंद्रशेखर स्मृति वन (जिसे पहले भारत यात्रा केंद्र के नाम से जाना जाता था) में भूमि अतिक्रमण, वनों की कटाई और अवैध निर्माणों की याचिका पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्र और हरियाणा सरकार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और गुरुग्राम नगर निगम को नोटिस जारी किया है। 500 एकड़ से ज़्यादा क्षेत्र में फैले इस स्मृति वन की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने 80 के दशक में अपनी भारत यात्रा के बाद की थी।
आवेदक ने वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण, अनुचित गतिविधियों का आरोप लगाया है जिसमें रिसॉर्ट्स, फार्म हाउस और 395 एकड़ का पुलिस प्रशिक्षण संस्थान 2004 में 62,000 पेड़ों को गिराकर बनाया गया जो वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 का उल्लंघन करता है। एनजीटी के आदेश (2019, 2020) ने हरियाणा की निष्क्रियता की आलोचना की, फिर भी कोई उपाय नहीं किया गया।
न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ ए सेंथिल वेल की अध्यक्षता वाली एनजीटी की प्रधान पीठ द्वारा जारी आदेश में चंद्रशेखर स्मृति वन में विभिन्न उल्लंघनों का विवरण दिया गया है।
यह याचिका पर्यावरण कार्यकर्ता नवीन बामेल द्वारा दायर की गई थी, जिनका प्रतिनिधित्व अधिवक्ता गौरव आर्य ने किया था।
याचिका में कहा गया है कि स्मृति वन में वनों की कटाई, पेड़ों की अवैध कटाई, पक्षियों का शिकार, भूमि हड़पना, अवैध निर्माण और असामाजिक गतिविधियां हो रही हैं। इसके साथ यहां तेजी से हो रहे शहरीकरण और वनों की कटाई से मानव -पशु संधर्ष बढ़ रहा है। 2023-2025 में तेंदुए के देखे जाने की संभावना है, जो आवास संरक्षण अधिकारों का उल्लंघन है।
याचिका में चंद्रशेखर स्मृति वन में अवैधताओं, भूमि हड़पने, वनों की कटाई की श्रृंखला का विवरण दिया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 14 अक्टूबर 2025 को होगी।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
