धर्मशाला, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) केहर सिंह खाची ने कि पौंग झील में आई लकड़ी की स्थिति का आकलन करने के लिए डीएफओ वाइल्ड लाइफ की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक अवैध कटान को लेकर कोई भी अधिकृत रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
वीरवार को नूरपुर स्थित वन विभाग के विश्रामगृह में पत्रकारों को संबोधित करते हुए केहर सिंह खाची ने कहा कि हाल ही में प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदाओं, विशेषकर मंडी और कुल्लू जिलों में बादल फटने की घटनाओं के कारण व्यापक नुकसान हुआ है, जिसमें वनों को भी काफी क्षति पहुंची है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बाढ़ के कारण पंडोह डैम और पौंग झील में बहकर आई लकड़ी को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे अवैध कटान के आरोप निराधार हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने अधिकारियों के साथ पंडोह डैम का निरीक्षण किया, जहां लगभग 90 प्रतिशत लकड़ी सड़ी-गली अवस्था में पाई गई, जो ईंधन के रूप में भी उपयोग योग्य नहीं है।
खाची ने कहा कि आज उन्होंने स्वयं बोट के माध्यम से पौंग झील का निरीक्षण किया और यहां भी जो लकड़ी बाढ़ में बहकर आई है, वह जर्जर अवस्था में है और जलाने के लायक भी नहीं है। उन्होंने बताया कि यह लकड़ी वर्षों से जंगलों में पड़ी थी, जो अब बाढ़ के कारण बहकर आई है और इसे अवैध कटान से जोड़ना तथ्यों के विपरीत है।
उन्होंने कहा कि यदि किसी स्थान पर देवदार या अन्य अच्छी गुणवत्ता की लकड़ी बहकर आई है, तो उसे संबंधित वन मंडल अधिकारी द्वारा चिन्हित कर वन विकास निगम के माध्यम से डिपो तक पहुंचाया जाएगा, जिससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया
