– वित्तीय अनियमितता के आरोप में अफसरों और कर्मचारियों से पूछताछ, दो अफसर सहित 5 कर्मी पकड़े गए
वाराणसी, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । पूर्वोत्तर रेलवे के लहरतारा स्थित मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय में मंगलवार को सीबीआई टीम ने छापेमारी की। छापेमारी से भ्रष्ट रेल कर्मियों में हड़कम्प मच गया। सीबीआई टीम ने लगभग चार घंटे तक डीआरएम कार्यालय के साथ कैंट रेलवे स्टेशन के निर्माण विभाग में अफसरों और कर्मचारियों से गहन पूछताछ की। इस दौरान टीम ने कार्यालय रिकॉर्ड के साथ-साथ लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल भी अपने कब्जे में ले लिया। इस दौरान वहां किसी भी कर्मचारी या अफसरों का आना-जाना रोका गया था। छानबीन और पूछताछ में निर्माण कार्यों में वित्तीय अनियमितता उजागर होते ही टीम ने सीनियर डीईएन राकेश रंजन, तीन लिपिकों से दो घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की।
डीआरएम कार्यालय में छापेमारी के पूर्व सीबीआई टीम ने मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद कार्रवाही शुरू की। सीबीआई टीम ने कैंट स्टेशन के निर्माण विभाग कार्यालय, एसएसई आवास में भी अचानक छापेमारी की। बताया जा रहा है कि सीबीआई टीम ने बीते सोमवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित डीआरएम ऑफिस (उत्तर रेलवे) में छापेमारी की थी। यहां उत्तर रेलवे के डीआरएम कार्यालय के कार्यालय अधीक्षक, उत्तर रेलवे के वरिष्ठ अभियंता (वर्क्स), उत्तर रेलवे के लेखा अनुभाग अधिकारी, वाराणसी, उत्तर रेलवे के सहायक अभियंता कार्यालय के वरिष्ठ लिपिक, एक निजी कंपनी, निजी कंपनी के दो कर्मचारियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ। इनसे पूछताछ के बाद टीम ने आज वाराणसी में छोपमारी की।
टीम ने डीआरएम कार्यालय के साथ कैंट रेलवे स्टेशन के एईएन कॉलोनी सीनियर सेक्शन इंजीनियर अभिषेक गुप्ता के आवास पर छापेमारी की। टीम ने पूछताछ के बाद उनका मोबाइल अपने कब्जे में ले लिया। बताया जा रहा है कि सीबीआई टीम ने लखनऊ स्थित डीआरएम ऑफिस (उत्तर रेलवे) में वित्तीय अनियमितता के आरोप में नॉर्दर्न रेलवे (लखनऊ मंडल) के उप मुख्य अभियंता (गतिशक्ति) विवेक कुशवाहा, पूर्वोत्तर रेलवे (वाराणसी मंडल) के वरिष्ठ मंडल अभियंता (सीनियर डीईएन, समन्वय) राकेश रंजन, उत्तर रेलवे (लखनऊ मंडल) के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई, वाराणसी) अभिषेक गुप्ता, डीआरएम ऑफिस के कार्यालय अधीक्षक मनीष, लेखा लिपिक योगेश गुप्ता, सीनियर क्लर्क सुशील कुमार राय, टैंजेंट इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड (नई दिल्ली) के प्रवीण कुमार सिंह, जिम्मी सिंह समेत इस कम्पनी और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ पर मुकदमा दर्ज कराया था। इन अफसरों पर निजी कंपनियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने की शिकायत पर छापेमारी में टीम को मजबूत सबूत मिले तब इनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया। सीबीआई को उत्तर रेलवे की गति शक्ति इकाई के अफसरों के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की शिकायत मिली थी। परियोजना के टेंडर और बिल पास कराने की शिकायत के बाद अलग-अलग टीमों ने कार्रवाई की। शिकायत पर सीबीआई ने लखनऊ में चार, वाराणसी में छह और गाजियाबाद में एक स्थान पर छापा मारा। सभी आरोपितों को मंगलवार को राजधानी स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
