Madhya Pradesh

दमोहः नदी,नालों,सरोवरों के तटों के साथ प्रतिबंधित क्षेत्र में न जायें -कलेक्टर कोचर

दमोह-नदी,नालों,सरोवरों के तटों के साथ प्रतिबंधित क्षेत्र में न जायें -कलेक्टर कोचर

दमोह, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । लगातार हो रही बारिश के चलते जिले में नदी नाले उफान पर हैं, तालाबों में भी काफी पानी भर चुका है जिसके कारण इसके समीप भ्रमण करने जाने वालों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंकायें लगातार बनी हुई हैं। पहाडों और झरनों के समीप भी स्थिति ठीक नहीं बतायी जा रही है। जिले में मंगलवार तक 24 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया कि पूर्व में कार्यालय द्वारा संबंधित जल स्रोतों, नदियों, झरनों एवं अन्य संवेदनशील स्थलों पर चेतावनी एवं सावधानी बोर्ड लगाए जाने हेतु निर्देशित किया गया था। संबंधित विभागों को आयोजित बैठकों के माध्यम से भी इस विषय पर स्पष्ट निर्देश प्रदान किए गए थे अतः जनसुरक्षा एवं भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाये।

संवेदनशीलता का चिन्हांकन

कलेक्टर कोचर ने वन मंडलाधिकारी दमोह तथा समस्त एस.डी.एम. से कहा है अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत स्थित नदी, तालाब, बड़े जलाशय, डेम व अन्य प्राकृतिक जलस्रोतों की पहचान कर उनकी संवेदनशीलता के आधार पर सूची तैयार की जाये। उन स्थलों को “उच्च जोखिम क्षेत्र” चिह्नित किया जाए, जहां पूर्व में मगरमच्छ देखे गए हों या संभावित हो तथा पशु व मानव क्षति की संभावना अधिक हो। उन्होंने कहा वन विभाग दमोह अपने अधीनस्थ अमले के माध्यम से जिले के ऐसे जल स्रोतों की पहचान करें जहां मगरमच्छ की उपस्थिति संभावित या पूर्व में देखी गई है। चिन्हित स्थलों की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाये। उन्होंने संबंधितों से कहा चिन्हित जल स्रोतों पर स्पष्ट एवं बड़े फॉन्ट में चेतावनी बोर्ड स्थापित किए जाएं, जिनमें लिखा हो “सावधानष्, इस जल स्रोत में मगरमच्छ की उपस्थिति संभव है। कृपया जल में प्रवेश न करें”। जिन स्थानों पर पर्यटकीय या धार्मिक गतिविधियां होती हैं, वहां अतिरिक्त रिफ्लेक्टिव साइनेज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा चिन्हित जल स्रोतों जहां मगरमच्छ की उपस्थिति संभावित या पूर्व में देखी गई है में तैराकी, स्नान, मछली पकड़ना या पशुओं को ले जाने जैसी गतिविधियों आदि पर नियमानुसार पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जाये जब तक कि क्षेत्र सुरक्षित न हो। ग्राम स्तरीय निगरानी दल बनाकर ऐसे स्थलों पर स्थानीय नियंत्रण व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

निगरानी एवं बचाव व्यवस्था-

कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा कि वन विभाग नियमित रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी टीम भेजकर मगरमच्छ की गतिविधियों की जानकारी एकत्र करना सुनिश्चित करे। यदि किसी क्षेत्र में मगरमच्छ की उपस्थिति पाई जाती है, तो वन विभाग आवश्यकतानुसार रैस्क्यू ऑपरेशन हेतु दल तैयार रखा जाये। संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, वन विभाग, ग्राम पंचायत, शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक आयोजित कर क्षेत्रवार कार्ययोजना बनाई जाये।

लोगों को जागरूक करने प्रेस से लें सहयोग-

कलेक्टर कोचर ने सभी संबधित विभाग के अधिकारियों से कहा कि मीडिया के माध्यम से नागरिकों को जागरूक किया जाये। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी चेतावनी व सतर्कता से संबंधित जानकारी प्रचारित की जाये। उपरोक्त निर्देशों का पालन प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जाए। संबंधित अधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही समयबद्ध रूप से पूर्ण करना सुनिश्चित करें।

डा.हंसा वैष्णव

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(Udaipur Kiran) / हंसा वैष्णव

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