मुंबई, 15 जुलाई ( हि.स.) । ठाणे के विधायक संजय केलकर ने आज ठाणे नगर निगम के अधिकारियों पर ठेकेदारों और डेवलपर्स की मिलीभगत से म्हाडा के फ्लैटों को गिराने, नियमों का पालन किए बिना एयरफोर्स स्टेशन क्षेत्र में बहुमंजिला इमारतों का निर्माण, एक ही सड़क के लिए तीन ठेके, सरकारी ज़मीन पर टीडीआर जैसे कई मामलों में सैकड़ों करोड़ रुपये का घोटाला करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने सत्र में इन मामलों की जाँच और संबंधित लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की माँग भी की है।
बताया जाता है कि ठाणे शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए राज्य सरकार ने नागरिकों को पर्याप्त सुविधाएँ प्रदान करने और नई परियोजनाओं व योजनाओं को लागू करने के लिए आठ हज़ार करोड़ रुपये का कोष बनाया है, लेकिन विधायक संजय केलकर ने सत्र में आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों, डेवलपर्स और ठेकेदारों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की लूट हुई है और तीन हज़ार करोड़ रुपये का हिसाब नहीं है।
चार हज़ार वर्ग मीटर से ज़्यादा क्षेत्रफल पर अगर हाउसिंग प्रोजेक्ट चल रहे हैं, तो सरकारी ज़मीन पर टीडीआर नहीं दिया जाता, लेकिन विधायक केलकर ने आरोप लगाया कि ठाणे नगर निगम के अधिकारियों ने डेवलपर को टीडीआर दिया और बिल्डर ने उसे बेच भी दिया। उन्होंने इसकी जाँच और कड़ी कार्रवाई की माँग की।
विधायक संजय केलकर ने सदन में सवाल उठाया है कि ठाणे नगर निगम के कुछ अधिकारी अहंकारी, गैर-ज़िम्मेदार हैं और ठाणे निवासियों की शिकायतों को ठेंगा दिखाते हैं। अधिकारियों, डेवलपर्स और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी धन की लूट हो रही है और क्या जाँच के बाद संबंधित लोगों पर कार्रवाई होगी । आरोप है कि शील दिवा से 4.2 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए तीन बार ठेके देकर 170 करोड़ से ज़्यादा की राशि का गबन किया गया है। इसी तरह विकास योजना पर काम चल रहा है और पुराने व पूर्व अधिकारियों की नियुक्ति करके कुप्रबंधन किया जा रहा है। इस योजना को मंज़ूरी नहीं दी जानी चाहिए। इसकी जाँच होनी चाहिए। जबकि पाँच वर्षों के खातों का ऑडिट नहीं हुआ है, इसकी जाँच होनी चाहिए। प्रत्यक्ष निवेश 588.57 करोड़ रुपये का हुआ है और ऑडिट रिपोर्ट में 70.54 करोड़ रुपये दिखाए गए हैं। चूँकि 517 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का उचित दस्तावेजीकरण नहीं किया गया है, इसलिए ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जा रही है।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
