पानीपत, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । पानीपत में एक ओर नाबालिग विवाहिता बच्ची ने एक बच्चे को जन्म दिया है। बच्चे को उसकी दादी द्वारा रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। युवती की डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों को संदेह होने पर इसकी सूचना पानीपत पुलिस को दी गई। मंगलवार को पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार पानीपत की रहने वाली तीन नाबालिग युवतियां जुलाई 2024 में घर से घूमने के बहाने निकली थी। तीनों को घर के बाहर सड़क पर तीन नाबालिग लड़के भी मिले थे। वे वहां से ट्रेन में बैठकर दिल्ली चले गए। जहां उन्हें घर वापस घर लौटने में देरी हो गई। 15 साल की लड़की ने दिल्ली के बाजार से खरीदा हुआ सिंदूर अपने 17 वर्षीय नाबालिग प्रेमी से मांग में भरवाया। इसके बाद दोनों ने हमेशा पति-पत्नी की तरह रहने का वायदा किया। अगली सुबह वे सभी वापस पानीपत पहुंच गए। कुछ दिन बाद इस कथित शादी के बारे में परिजनों को पता लगा। लड़की की मां ने आनन-फानन में एक ही दिन में बेटी की शादी यूपी के मुज्जफरनगर निवासी 34 वर्षीय युवक से कर दी थी।
इस बाल विवाह की जानकारी संबंधित थाना पुलिस, सीएमसी को भी थी, लेकिन इसमें कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई। दोनों मामलों का समझौता करवाया गया। मामले का पता लगने पर नारी तू नारायणी उत्थान समिति अध्यक्ष सविता आर्या लड़की के घर पहुंची और मामले की जानकारी जुटाई। सविता आर्य ने बताया कि 18 जून को लड़की के पेट में दर्द हुआ और उसने घर पर ही लड़के को जन्म दिया।
लेकिन प्री-मिचियोर डिलीवरी होने के कारण बच्चे को सिविल अस्पताल लाया गया। जहां से उसे रोहतक सिविल अस्पताल लाया गया। जहां से उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। रोहतक पीजीआई में डॉक्टरों को पता लगा कि लड़की भी नाबालिग है, जिसके चलते वहां से सूचना पानीपत पुलिस को दी गई है।
वहीं, जब परिजनों ने बच्चा लेना चाहा तो डॉक्टरों ने मामला संदिग्ध होने के चलते बच्चा देने से मना कर दिया। पुलिस बच्चे की मां को लेकर पीजीआई आए, तभी बच्चा दिया जाएगा। जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि यह मामला पुलिस व सीएमसी के पास पहुंचा था लेकिन उनके पास किसी ने भी कोई सूचना नहीं दी। अब मामला उनके संज्ञान में आ गया है। 35 वर्षीय पति व जिसने नाबालिग की शादी कराई है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
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(Udaipur Kiran) / अनिल वर्मा
