West Bengal

छत्तीसगढ़ में नौ मजदूरों की कथित गिरफ्तारी पर महुआ मोइत्रा का आरोप: ‘सरकारी संरक्षण में हो रहा है अपहरण’

महुआ

कोलकाता, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) ।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने छत्तीसगढ़ पुलिस पर नौ बांग्ला भाषी मजदूरों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लेने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर बताया कि उनके लोकसभा क्षेत्र कृष्णनगर से आए इन मजदूरों को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए जेल में डाल दिया गया है।

महुआ के अनुसार, ये सभी मजदूर छत्तीसगढ़ के कोन्दगांव ज़िले के एक स्कूल निर्माण में कार्यरत थे। लेकिन शनिवार को पुलिस ने इन्हें उनके ठिकाने से उठा लिया। उन्होंने दावा किया कि इन मजदूरों के पास सभी जरूरी दस्तावेज मौजूद थे, बावजूद इसके न केवल उन्हें गिरफ्तार किया गया बल्कि उनके मोबाइल फोन भी छीन लिए गए, जिससे उनके परिजन भी संपर्क नहीं कर सके।

महुआ ने कहा कि घटना के तीन दिन बीतने के बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वे कहां रखे गए हैं। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उन्होंने लिखा, “बिना डिटेंशन ऑर्डर, बिना सुनवाई और बिना वकीलों की मदद के इन नौ व्यक्तियों को जेल में डाल दिया गया है। ये पूरी तरह राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित अपहरण जैसा है।”

स्थानीय पुलिस अधीक्षक द्वारा यह जानकारी दी गई कि इन मजदूरों पर कुछ आदिवासी महिलाओं से बलात्कार के आरोप हैं। लेकिन महुआ का कहना है कि यदि ऐसा कोई आरोप है तो भी कानूनी प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है। उन्होंने इसे बंगालियों के खिलाफ गहराते पूर्वाग्रह का उदाहरण बताया।

महुआ ने यह भी आरोप लगाया कि ओडिशा, दिल्ली और अब छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बंगालियों को “बांग्लादेशी” कहकर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कई इलाकों में उन्हें बिजली और पानी की आपूर्ति से भी वंचित किया जा रहा है।

इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहले ही चिंता जता चुकी हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने भी सोशल मीडिया पर लिखा था कि बंगाली बोलने वालों के साथ देशभर में अन्याय हो रहा है। इस बीच, छत्तीसगढ़ की ताजा घटना ऐसे समय में सामने आई है जब ममता बनर्जी ने बंगालियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध मार्च की घोषणा की है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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